भोपाल। मध्य प्रदेश की सीमाएं दूसरे राज्यों से आने वाले नागरिकों के लिए सील कर देने का वक्त आ गया है। यदि बॉर्डर लॉकडाउन नहीं किया गया तो ओमिक्रॉन अंदर आ जाएगा। कर्नाटक में दो नागरिकों में संक्रमण पाया गया है। WHO का कहना है कि यह डेल्टा वेरिएंट से 5 गुना ज्यादा तेजी से संदर्भित करता है यानी ओमिक्रॉन वायरस संक्रमित व्यक्ति की मदद से कम से कम 100 लोगों को संक्रमित करने की कोशिश करता है।
ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज कर्नाटक में मिले
स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने भारत की राजधानी दिल्ली में प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि कर्नाटक राज्य में ओमिक्रॉन से संक्रमित 2 मरीज मिले हैं।
संक्रमित व्यक्ति में एक 66 साल के और दूसरे 46 साल का व्यक्ति है। दोनों संक्रमितों में हल्के लक्षण मिले हैं और उनका इलाज किया जा रहा है। साथ ही इन संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों पर भी नजर रखी जा रही है।
ओमिक्रॉन वायरस- वेरिएंट ऑफ कंसर्न की कैटेगरी में
लव अग्रवाल ने कहा कि यह डरने वाली स्थिति नहीं है, लेकिन हमें सावधान रहना है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के हवाले से बताया कि ओमिक्रॉन वेरिएंट, कोरोना के डेल्टा वेरिएंट की तुलना में 5 गुना ज्यादा खतरनाक है और इसके तेजी से फैलने की आशंका जताई जा रही है। इसी वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न की कैटेगरी में रखा है।
मध्य प्रदेश के बॉर्डर सील करना क्यों जरूरी
मध्य प्रदेश भारत के मध्य में स्थित है। यहां सभी राज्यों के नागरिकों का आना जाना होता है। भारत के सभी राज्यों के नागरिक यहां काम करते हैं और भारत के सभी राज्यों से यहां के व्यापारिक संबंध है। इसलिए किसी भी प्रकार की महामारी और वायरस का भारत के किसी भी कोने से मध्य प्रदेश पहुंचना सबसे आसान है। बॉर्डर सील कर देने के बावजूद ट्रेन में किसी दूसरे राज्य के संक्रमित साथी यात्री के माध्यम से मध्य प्रदेश के नागरिक संक्रमित हो सकते हैं। यह खतरा बना रहेगा सामान्य से लेकिन थोड़ा काम होगा। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.