भोपाल। आज दिनांक 21 दिसंबर 2021 से सूर्य उत्तरायण हो गए और इसी के साथ शिशिर ऋतु यानी पतझड़ की शुरुआत हो गई। मध्य प्रदेश की तरफ दक्षिण से आने वाली हवाएं बंद हो गई है। उत्तर के हिमालय से हवाएं आ रही हैं। ऋतु परिवर्तन एवं पर्यावरण के कारण ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ने की पूरी संभावना है।
पतझड़ में ऑक्सीजन लेवल क्यों घट जाता है
मनुष्यों के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दो प्रमुख सोर्स हैं। वृक्षों के माध्यम से और नदी, तालाब एवं समुद्र में मौजूद वनस्पति से। पतझड़ में पेड़ों के पत्ते गिर जाने के कारण ऑक्सीजन का उत्सर्जन कम हो जाता है। नदियों से नियमित रूप से रेत निकालने के कारण वनस्पति समाप्त हो गई है। शहरी इलाकों के आसपास तालाबों की संख्या बहुत कम है। केवल दक्षिण के समुद्र से आने वाली हवाओं में अच्छा ऑक्सीजन लेवल होता है। पतझड़ के मौसम में दक्षिण की हवाई बंद हो जाती हैं। उत्तर से मध्य प्रदेश की तरफ हवाएं आती है। हिमालय की चोटियों पर ऑक्सीजन का कोई सोर्स नहीं है। वहां से होकर आने वाली हवाओं में ऑक्सीजन लेवल कम होता है।
MP CORONA NEWS- मध्यप्रदेश की ताजा स्थिति
रिकॉर्ड बताता है कि पिछले साल भी बिल्कुल ऐसी ही स्थिति बनी थी। वर्ष 2021 की शुरुआत में जब पतझड़ के कारण पेड़ों के पत्ते गिर गए तो संक्रमण बढ़ने लगा था। फरवरी के पहले पक्ष में 194 मामले मिले थे लेकिन मार्च के पहले सप्ताह में यह संख्या बढ़कर 467 हो गई थी। इस साल पिछले 32 दिनों में 524 मामले मिल चुके हैं। यानी संक्रमण की दर पहले से ज्यादा है। कोरोनावायरस मौके का इंतजार कर रहा है, और पर्यावरण परिवर्तन के कारण मौका आ गया है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.