भोपाल। मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया ना केवल शुरू हो चुकी है बल्कि प्रशासनिक स्तर पर आधी कार्रवाई पूरी हो चुकी है। अब केवल मतदान बाकी है। इधर शिवराज सिंह चौहान सरकार ने कोरोनावायरस संक्रमण के कारण पंचायत चुनाव स्थगित करने की तैयारी कर ली है।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए ओबीसी आरक्षण पर अर्जेंट हियरिंग के निवेदन को अस्वीकार कर देने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया और शुक्रवार की सुबह गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने बयान जारी कर दिया।
गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि चुनाव किसी की जिंदगी से बड़ा नहीं है। लोगों की जान हमारे लिए पहली प्राथमिकता है। पंचायत चुनाव का जो अनुभव है, जो दूसरे प्रदेशों में हुए थे, उससे काफी नुकसान हुआ था। लोगों की सेहत असर पड़ा था। मेरी व्यक्तिगत राय है कि कोरोना की दहशत और आहट को देखते हुए पंचायत चुनाव को टाला जाना चाहिए। इस बारे में CM शिवराज सिंह चौहान से बात करूंगा।
सुप्रीम कोर्ट ओबीसी आरक्षण को पहले ही निरस्त कर चुका है
मध्य प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण विवाद नया मुद्दा बन गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार दबाव में नजर आ रही है। विधानसभा में सर्व सम्मति से संकल्प पारित किया जा चुका है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दाखिल कर दी। इस सब के बावजूद पंचायत चुनाव प्रक्रिया के बीच 27% ओबीसी आरक्षण की संभावना काफी कम है। सुप्रीम कोर्ट पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को पहले ही निरस्त कर चुका है। यह विवाद आसानी से हल होने वाला नहीं है। मध्य प्रदेश में चुनाव संबंधी समाचार एवं अपडेट के लिए कृपया mp election news पर क्लिक करें.