जबलपुर। जबलपुर में पदस्थ राजस्व निरीक्षक एवं कर्मचारी नेता प्रवीण दुबे के ट्रांसफर पर हाईकोर्ट ने फिर से लोग लगा दी है। इससे पहले हाईकोर्ट ने राजस्व विभाग मध्यप्रदेश शासन को कर्मचारी नेता के अभ्यावेदन पर विचार करने के निर्देश दिए थे। डिपार्टमेंट में इसके बाद भी उनका ट्रांसफर कर दिया। हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। सुनवाई जनवरी के तीसरे सप्ताह में निर्धारित की गई है।
न्यायमूर्ति एसए धर्माधिकारी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि 31 अगस्त, 2021 के आदेश के जरिये याचिकाकर्ता का तबादला जबलपुर से होशंगाबाद किया गया था, जिसके खिलाफ उसने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उस याचिका का निराकरण करते हुए हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर विचार करने के निर्देश दिए थे। तथा स्थानांतरण आदेश का पालन करने पर रोक लगा दी थी।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद दिनांक 4 दिसंबर, 2021 को एक नए आदेश के जरिये याचिकाकर्ता का अभ्यावेदन अमान्य कर दिया गया। जिसके खिलाफ फिर से याचिका दायर करनी पड़ी। याचिकाकर्ता मान्यता प्राप्त कर्मचारी संघ का पदाधिकारी है। राज्य शासन के निर्देश व स्थानांतरण नीति के अनुसार निर्वाचित पदाधिकारियों को चार वर्ष अर्थात दो पदावली के लिए स्थानांतरण में छूट प्राप्त है।
याचिकाकर्ता की यह प्रथम कालावधी है। इन तथ्यों को नजरअंदाज करके अभ्यावेदन निरस्त किया गया है। लिहाजा, यह रवैया न केवल शासन के निर्देशों के विपरीत है बल्कि हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ है। इसीलिए हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने एक बार फिर ट्रांसफर आर्डर पर स्टे लगाते हुए विभागीय अधिकारियों से जवाब मांग लिया है। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्या करें.