जबलपुर। श्री राकेश तिवारी एवं संतोष कचेर, शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, रीवा में ट्रेनिंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें वर्ष 2006 में ब्रम्हास्वरूप समिति की अनुशंसा के आधार पर जुलाई 2006 से अतिरिक्त वेतन वृद्धि दी गई थी।
वित्त विभाग के संदर्भित पत्र दिनाँक 14/07/2014 एवं संयुक्त संचालक कोष लेखा की आपत्ति के कारण, दोनों कर्मचारियों को जुलाई 2006 से प्रदत वेतन वृद्धि निरस्त कर, चालान के द्वारा वसूली रुपये 1,30,783 एक मुश्त जमा करने के निर्देश दिनाँक 23/07/2019 को दिये गए थे। वेतन निर्धारण दिनाँक 01/07/2006 से 30/06/2014 तक का वेतन निर्धारण निरस्त कर दिया गया था।
दोनों कर्मचारियों के द्वारा, वेतन निरस्तीकरण एवं वसूली आदेश को हाई कोर्ट, जबलपुर के समक्ष चुनौती दी गई थी। कर्मचारियों की ओर से वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने बताया कि कर्मचारियों दी गई वेतनवृद्धि एक विहित प्रक्रिया से निरस्त की जा सकती है परंतु वेतन वृद्धि निरस्त करने का आदेश बोलता हुआ होना चाहिये। क्लास 3 के कर्मचारियों से इस प्रकार की वसूली पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार प्रतिबंध है।
हाई कोर्ट जबलपुर ने अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी से सहमत होकर, वेतन निर्धारण निरस्तीकरण एवं चालान द्वारा वसूली भरने के आदेश को स्टे कर, वित्त विभाग सहित विभाग से जबाब तलब किया है। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्या करें.