जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सतना जिले के मैहर में 200 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सड़क एवं पुल के वर्क आर्डर पर स्थगन आदेश जारी कर दिया है। आरोप है कि मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण ने टेंडर में भेदभाव किया है।
मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण टेंडर में भेदभाव
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस विजय शुक्ला की युगलपीठ ने मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, एमपीआरआरडीए, भोपाल के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, चीफ जनरल मैनेजर, जनरल मैनेजर, सतना व मैहर प्रोजेक्ट इम्पलिमेंट यूनिट के जनरल मैनेजर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इससे पहले प्राप्त हुए जवाब से न्यायालय संतुष्ट नहीं हुआ और स्टे आर्डर जारी कर दिया।
मैहर के सड़क सेतु प्रोजेक्ट पर हाई कोर्ट का स्टे
सतना की राजेश कैला इंजीनियर्स एंड कान्ट्रेक्टर्स और अनिल सिंह परिहार कन्सट्रक्शन कंपनी ने याचिकाएं दायर कर अवगत कराया कि MPRRDA ने सतना जिले के मैहर में सड़क व सेतू निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित की थीं। अधिवक्ता संजीव तुली ने दलील दी कि प्राधिकरण ने निविदा आवंटन में भेदभाव किया है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ताओं को प्राधिकरण ने इस कारण अयोग्य घोषित कर दिया क्योंकि उन्होंने पूर्व में अपने लंबित कार्यों की जानकारी छिपाई थी।
याचिका में आरोप लगाया गया कि प्राधिकरण ने जिन कंपनियों को निविदा आवंटित की और वर्क आर्डर जारी किया, उन्होंने भी अपने पूर्व के लंंबित प्रोजेक्ट्स की जानकारी छिपाई थी। ऐसे में प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन हुआ है।मामले पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने पाया प्राधिकरण ने इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाब पेश नहीं किया है। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ने जानबूझकर भेदभाव के संबंध में जवाब नहीं दिया है, इसलिए कार्य आदेश, वर्क आर्डर पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिए जा रहा है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.