जबलपुर। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने गंभीर बीमारियों से पीडि़त कर्मचारियों की व्यस्क संतानों को उनके स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की मांग की है। कहा है कि इससे सरकार का काफी पैसा बचेगा।
संयुक्त मोर्चा के संयोजक योगेंद्र दुबे, जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने जारी बयान में बताया कि कर्मचारियों के आवेदन पर पूरी पेंशन देकर उन्हें रिटायर कर दिया जाए और उनकी वयस्क संतान को उसकी योग्यता के अनुसार बोल्ड आउट किया जाए (सरकारी नौकरी दे दी जाए)। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि इसका फायदा सरकार को मिलेगा।
जिस कर्मचारी को 80 से 90 हजार रुपये प्रति माह वेतन देना पड़ रहा है। उसे 50% पेंशन देनी पड़ेगी और उसकी संतान नवीन नियुक्ति के कारण 25 से 30 हजार रुपये प्रति माह वेतन में काम करेगी। इससे युवाओं को सरकारी नौकरी भी मिल पाएगी और कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के समय उन्हें दी जाने वाली पेंशन भी बचेगी।
इसके पीछे ये तर्क भी दिया गया कि गंभीर रूप से बीमार कर्मचारी दवाओं के सहारे नौकरी करते हैं। मेडिकल बोर्ड से भी कुछ दवाओं के बिल का ही भुगतान होता है। जबकि उनकी संतान नई तकनीक की जानकारियों से लबरेज नई ऊर्जा के साथ कार्य करेंगे। प्रदेश की उन्नति भी होगी।
संयुक्त मोर्चा के देव दोनेरिया, रविकांत दहायत, योगेश चौघरी, अजय दुबे, विश्वदीप पटेरिया, नरेश शुक्ला, प्रशांत सोधिंया, मुकेश चतुर्वेदी, संतोष मिश्रा, संजय गुजराल, एसके वांदिल, योगेंद्र मिश्रा, धीरेंद्र सिंह ,प्रदीप पटेल, मुकेश मरकाम, योगेन्द्र मिश्रा ने मध्यप्रदेश शासन से जल्द इस पर विचार निर्णय लिए जाने की मांग की है। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्या करें.