भोपाल। मध्य प्रदेश के उज्जैन में कांग्रेस पार्टी की चर्चित महिला नेत्री नूरी खान ने अपने इस्तीफे में लिखा था कि 'उसूलों पर गर आंच आए तो टकराना जरूरी है जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है।' लेकिन इस्तीफे के मात्र 2 घंटे के भीतर नूरी खान के उसूल और विचार बदल गए। उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।
नूरी खान के इस्तीफे की खास बातें
पॉलिटिकल पार्टियों में इस्तीफे तो आए दिन होते रहते हैं, लेकिन नूरी खान का इस्तीफा चौंकाने वाला था क्योंकि कुछ समय पहले तक नूरी खान मध्यप्रदेश में कांग्रेस के हाईकमान कमलनाथ की लाडली महिला नेता हुआ करती थी। उन्होंने अपने इस्तीफे में 2 खास बातें लिखी थी।
नंबर-1 'विशेष आग्रह- कृपया मेरे इस इस्तीफे को बिना किसी मानमनोबल एवं औपचारिकता के अविलंब स्वीकार किया जाए यह निर्णय मेरा अंतिम निर्णय है अतः मेरा इस्तीफा स्वीकार करें। और नंबर-2 इस्तीफे के सबसे अंत में लिखा था 'उसूलों पर गर आंच आए तो टकराना जरूरी है जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है।'
2 घंटे बाद नूरी खान के उसूल बदल गए
नूरी खान के इस्तीफे के बाद कांग्रेस पार्टी में कुछ नहीं बदला लेकिन नूरी खान के उसूल बदल गए। उन्होंने बयान जारी किया कि प्रदेश अध्यक्ष श्री कमलनाथ जी से चर्चा कर मैंने अपनी सारी बात पार्टी के समक्ष रखी है 22 साल में पहली बार मैंने इस्तीफ़े की पेशकश की कही ना कही मेरे अंदर एक पीड़ा थी लेकिन कमलनाथ जी के नेतृत्व में विश्वास रख अपना इस्तीफ़ा वापस ले रही हूँ!
सवाल सिर्फ इतना सा है कि क्या कमलनाथ से फोन पर बात करने के लिए इस्तीफा दिया था। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.
प्रदेश अध्यक्ष श्री @OfficeOfKNath जी से चर्चा कर मैंने अपनी सारी बात पार्टी के समक्ष रखी है 22 साल में पहली बार मैंने इस्तीफ़े की पेशकश की कही ना कही मेरे अंदर एक पीड़ा थी लेकिन कमलनाथ जी के नेतृत्व में विश्वास रख अपना इस्तीफ़ा वापस ले रही हूँ !@RahulGandhi @MukulWasnik pic.twitter.com/9ApkWs4bN2
— Noori Khan (@NooriKhanINC) December 5, 2021