भोपाल। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई करने वाली स्पेशल कोर्ट ने कलेक्टर ऑफिस के बाबू (क्लर्क) गुलाबचंद जांगड़े को रिश्वतखोरी के मामले में भ्रष्टाचार का दोषी पाते हुए 4 साल की जेल की सजा सुनाई है। कलेक्टर के बाबू को 2016 में लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।
मीडिया सेल प्रभारी मनोज सैयाम ने बताया कि आवेदक सिवनी निवासी एमके खान ने भूमि विक्रय के लिए कलेक्टर कार्यालय में आवेदन दिया था। उसे भूमि विक्रय के लिए अनुमति पत्र भी दे दिया गया था परंतु उसमें जानबूझकर टाइपिंग की गलती की गई। जिसके कारण जमीन का सौदा नहीं हो पा रहा था। आवेदक ने वापस कलेक्टर कार्यालय में संपर्क किया तो कलेक्टर के रीडर गुलाबचंद जांगड़े ने संशोधित अनुमति पत्र जारी करने के बदले ₹2000 की रिश्वत मांगी।
पीड़ित व्यक्ति द्वारा इस मामले की शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की गई। प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन शिकायत सही पाई गई। लोकायुक्त पुलिस ने प्लानिंग के तहत शिकायतकर्ता को रिश्वत देने के लिए कलेक्टर के रीडर के पास भेजा। दिनांक 27 जनवरी 2016 को कलेक्टर ऑफिस में बने जैन कैंटीन में जैसे ही शिकायतकर्ता ने कलेक्टर के लिए को रिश्वत के ₹2000 दिए, लोकायुक्त की टीम ने छापामार कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.