भोपाल। मध्यप्रदेश के जबलपुर से कांग्रेस पार्टी के विधायक विनय सक्सेना ने प्राइवेट कॉलेजों में शिक्षकों के वेतन का मामला विधानसभा में उठाया है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सभी विश्वविद्यालयों से जानकारी मांगी जा रही है।
विधायक विनय सक्सेना ने प्रश्न किया है कि क्या प्राइवेट कॉलेजों में शिक्षक, प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के अंतर्गत परिनियम क्रमांक 28 (कॉलेज कोड) के तहत की जाती है। उक्त परिनियम की धारा 22(1) में उल्लेख है कि विभिन्न वर्ग के शिक्षकों, प्राचार्य सहित का वेतन वही होगा जो राज्य शासन द्वारा शासकीय महाविद्यालय के उस वर्ग के शिक्षक हेतु निर्धारित किया जाएगा।
क्या मध्य प्रदेश के किसी भी प्राइवेट कॉलेज में संशोधित अधिनियम 2000 का 26 जिसे मध्य प्रदेश अशासकीय शिक्षण संस्था (अध्यापकों तथा अन्य कर्मचारियों के वेतन का संदाय) अधिनियम 2000 में कहा गया है जो कि 22 अगस्त 2000 से लागू है, के पश्चात शिक्षकों को सरकारी कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों के समकक्ष वेतन नहीं दिया जा रहा है।
सरल शब्दों में कहें तो जबलपुर से कांग्रेस पार्टी के विधायक विनय सक्सेना ने प्राइवेट कॉलेजों के शिक्षकों को सरकारी कॉलेजों के शिक्षकों के समान वेतन देने का मुद्दा उठाया है। देखना यह है कि विधायक विनय सक्सेना इस लड़ाई में जीत पाते हैं या नहीं। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्या करें.