भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकारी उत्सवों के कारण हालात सामान्य जरूर देखने हैं परंतु मंत्रालय में तूफान आया हुआ है। मुख्यमंत्री और आईएएस लॉबी के बीच सीधे टकराव की स्थिति बन गई है। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह के स्टेटमेंट ने उस संदेह की पुष्टि कर दी जो स्टेट लेवल की पॉलिटिक्स में रुचि रखने वाले सभी के मन में था।
शनिवार को जब राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा की तो सबसे पहला और सरल सवाल था कि जब पूरे मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे हैं और आईएएस सर्विस मीट जैसा प्रोग्राम कैंसिल कर दिया गया तब चुनाव की घोषणा क्यों की जा रही है। पूर्व आईएएस बसंत प्रताप सिंह ने अपने जवाब में बताया कि आईएएस सर्विस मीट के कैंसिल होने के कई कारण है।
भोपाल में 17 से 19 दिसंबर तक आईएएस मीट प्रस्तावित थी। इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करने वाले थे। आईएएस लॉबी के लिए उनका सालाना जलसा है जिसमें वह परिवार सहित शामिल होते हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त के बयान से स्पष्ट हो गया कि आईएएस सर्विस मीट के कैंसिल होने का कारण कोरोनावायरस नहीं बल्कि पुलिस कमिश्नर सिस्टम है। यदि ऐसा है तो मध्य प्रदेश की स्थिति वाकई गंभीर हो गई है। ना केवल शिवराज सिंह चौहान की कुर्सी खतरे में है। बल्कि 2023 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार भी खतरे में आ सकती है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.