भोपाल। मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं अलीराजपुर जिले में एसडीएम के पद पर पदस्थ लक्ष्मी गामड ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उस फैसले का मजाक उड़ाया है जिसके तहत मध्यप्रदेश में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। उल्लेख करना आवश्यक है कि मुख्यमंत्रियों को नाइटकर्फ्यू के निर्देश प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए थे।
लक्ष्मी गामड ने फेसबुक पर लिखा कि 'कोरोना को कैसे पता चलता होगा कि रात को 11 बज गये तो बाहर निकलना है और सुबह 5 बजते ही बिल में घुसना है? अगर आपको पता चल जाये तो मुझे भी बताना।' सनद रहे कि मध्यप्रदेश में जिला स्तर पर कलेक्टर के बाद एसडीएम (अनुविभागीय अधिकारी) सबसे महत्वपूर्ण पद होता है। जिस पर ऐसे अधिकारी को नियुक्त किया जाता है जो कलेक्टर के प्रतिनिधि के तौर पर योग्य हो।
संक्रमण की रोकथाम के लिए नाइट कर्फ्यू क्यों लगाते हैं, पढ़िए
यदि आप इस प्रश्न को गूगल करेंगे तो छह लाख से ज्यादा वेब डॉक्यूमेंट मिल जाएंगे जिसमें नाइट कर्फ्यू की उपयोगिता, विशेषज्ञों के तर्क वितर्क और सरकार का पक्ष लिखा हुआ है। सन 2020 और 2021 में नाइट कर्फ्यू की उपयोगिता को लेकर कई बार सवाल उठाए गए। विशेषज्ञों ने विस्तारपूर्वक यह प्रमाणित कर दिया है कि यदि 12 घंटे का नाइट कर्फ्यू लगाया जाता है तो संक्रमण की गति में कमी आती है। यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं।
यह आपदा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन का मामला है
एडवोकेट शैलेंद्र चौधरी ने कहा कि अलीराजपुर की एसडीएम लक्ष्मी गामड के द्वारा सार्वजनिक मंच पर प्रसारित किया गया बयान आपदा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन के तहत दंडात्मक अपराध है। महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए जिस अधिकारी को आपदा प्रबंधन अधिनियम का पालन करने हेतु जनता को प्रेरित करना चाहिए, वही अधिकारी आम नागरिकों को सरकारी निर्णय के खिलाफ भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है। समाचार लिखे जाने तक अलीराजपुर कलेक्टर ने इस मामले में किसी भी प्रकार की जांच के आदेश नहीं दिए थे। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.