भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला करते हुए कहा कि इतिहास गवाह है, एक व्यक्ति गद्दारी करता है तो उसकी पीढ़ी दर पीढ़ी गद्दारी करती हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्वयं तो इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन भारतीय जनता पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई ने आधिकारिक बयान जारी किया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बचाव में बीजेपी ने अपने दो प्रवक्ताओं पंकज चतुर्वेदी व डॉ. दुर्गेश केसवानी के माध्यम से भोपाल में पत्रकारों के सामने कुछ दस्तावेज पेश किए और दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पिता स्वर्गीय बलभद्र सिंह ना केवल अंग्रेजों के भक्त थे बल्कि जिस समय देशभक्त नागरिक अपने प्राणों की आहुति दे रहे थे उस समय दिग्विजय सिंह के पिता अपने परिवार के लिए अंग्रेजों से सुविधाएं मांग रहे थे।
पत्र में लिखा- पिता और पूर्वजों ने भी ब्रिटिश सरकार को भरपूर सेवाएं दी हैं
भाजपा के दोनों नेताओं ने बताया कि कांग्रेस नेता एवं सांसद दिग्विजय सिंह के पिता बलभद्र सिंहजी ने अपने वंश और अंग्रेज भक्ति का वर्णन करते हुए 16 सितंबर 1939 को पत्र लिखा था - ‘मेरे पूर्वजों ने 1779 से ब्रिटिश सरकार को भरपूर सेवाएं प्रदान की हैं। मेरे पिताजी ने भी आपको निजी सेवा प्रदान की है। पिछले युद्ध के समय भी ब्रिटिश सरकार को राघोगढ़ ने सेवा दी है। अब मैं आपको अपनी वफादारी से भरी सेवा देना अपना धर्म समझता हूं।
2002 में भोपाल में लगी थी प्रदर्शनी, दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे
भाजपा के दोनों नेताओं ने बताया कि दिग्विजय सिंह के पिता बलभद्र सिंह का अंग्रेजों को लिखा कि ये कथित पत्र सन 2002 में भोपाल में राजकीय अभिलेखागार और पुरातत्व विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में रखा गया था। उस वक्त दिग्विजय सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।
दिग्विजय सिंह के पूर्वजों को मुगलों की वफादारी के बदले राधौगढ़ मिला था
प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि इतिहासकार राजा रघुवीर सिंह के अनुसार दिग्विजय सिंह के पूर्वजों को मुगलों की वफादारी के बदले में राघोगढ़ मिला, जबकि पानीपत की तीसरी लड़ाई में राघोगढ़ के तत्कालीन राजा ने मराठा साम्राज्य के सेनापति सदाशिवराव भाऊ को सहयोग देने से इंकार कर दिया था। मुगलों का साथ दिया था। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.