भोपाल। मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह की हालत ऐसी हो गई है, यदि वह शुद्ध उच्चारण के साथ श्री राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें तब भी लोगों को लगता है कि वह तांत्रिक पूजा कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह की आत्मरक्षा भी हमला लगती है, और उनके विरोधियों का हमला भी आत्मरक्षा जैसा प्रतीत होता है। दिग्विजय सिंह ने कल एक सनसनीखेज बयान दिया था, आज उसी बयान पर सफाई देनी पड़ रही है।
मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह, भारतीय जनता पार्टी के लिए ना केवल सबसे आसान टारगेट हैं बल्कि भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ाने वाला फार्मूला भी हैं। मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह 10 साल मुख्यमंत्री रहे किसी भी चुनाव में जनता ने दिग्विजय सिंह के नाम पर वोट नहीं दिया। 2003 की चुनावी हार के बाद से तो जैसे दिग्विजय सिंह, भाजपा के लिए जीत का दरवाजा बन गए हैं। हर चुनाव में भाजपा के नेताओं को सिर्फ इतना कहना पड़ता है कि यदि हमें वोट नहीं दिया तो दिग्विजय सिंह आ जाएगा।
वीर सावरकर के संदर्भ में दिग्विजय सिंह ने जो बयान दिया उनके अनुसार वह तथ्य पर आधारित और प्रमाणिक है। इसके बावजूद वह जनता के बीच अपने बयान का अर्थ नहीं समझा पाए और उनके विरोधियों ने उनके बयान के इतने टुकड़े किए कि रविवार की सुबह दिग्विजय सिंह अपने ही बयान पर सफाई देते नजर आए।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का बयान
आज दिग्विजय सिंह ने बयान जारी किया है कि 'मैं हिंदू था हिंदू हूँ और हिंदू रहूंगा। मैं श्रद्धेय द्वारका और ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य जगदगुरू स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज का सन 82 से दीक्षित शिष्य हूँ। मैं गौ हत्या के खिलाफ था और रहूंगा। मैं भारत का पहला मुख्यमंत्री था जिसने गौ सेवा आयोग का गठन किया। गौ शालाओं को मंडी से करोड़ों रुपयों का अनुदान दिया। मेरा बयान संघभाजपा के नेताओं को सावरकर जी का बयान के हवाले से आयना दिखाने का उद्देश्य था।
दिग्विजय सिंह है कि मानता ही नहीं
कांग्रेस पार्टी ने दिग्विजय सिंह को बयान नहीं बल्कि भाजपा सरकारों के खिलाफ देशभर में आंदोलन करने की जिम्मेदारी दी है। कुछ समय पहले उपस्थित हुए एक विवाद के समय उनके अपने सुपुत्र श्री जयवर्धन सिंह ने उन्हें इमेज बदलने की सलाह दी थी। नर्मदा परिक्रमा के बाद उम्मीद थी कि दिग्विजय सिंह आम जनता और किसानों के लिए राजनीति करेंगे परंतु दिग्विजय सिंह हैं कि मानते ही नहीं। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें