जबलपुर। न्यायालय के अंदर किसी भी प्रकार की फोटो एवं वीडियोग्राफी प्रतिबंधित होती है लेकिन मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन श्री शैलेंद्र वर्मा ने मध्य प्रदेश के वकीलों को अनुमति देते हुए कहा है कि राज्य की किसी भी अदालत में यदि कोई जज, वकीलों से अभद्रता करता है तो उसका वीडियो बनाएं। मुख्य न्यायाधीश को शिकायत के साथ वीडियो भेजा जाएगा ताकि ठोस कार्रवाई की जा सके।
एमपी स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन श्री शैलेंद्र वर्मा स्टेट बार सभागार में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान स्टेट बार प्रवक्ता राधेलाल गुप्ता, कार्यकारिणी समिति के उपाध्यक्ष अहादुल्ला उस्मानी व कार्यकारी सचिव मुईन खान सहित अन्य उपस्थित थे।चेयरमैन वर्मा ने कहा कि राज्य के वकीलों को सभी अधिवक्ता संघों को पत्र जारी कर साफ शब्दों में ताकीद दे दी गई है कि भविष्य में अधिवक्ता हड़ताल को अंतिम हथियार के रूप में इस्तेमाल करें। प्रथम हथियार कानूनी कार्रवाई का रास्ता अपनाना ही है।
बातचीत के जरिये दुनिया की सभी समस्याएं हल हो सकती हैं, तो न्यायरथ के दो पहियों बार-बेंच के बीच समन्वय भी स्थापित किया जा सकता है। अधिवक्ता समुदाय का दायित्व है कि उनका व्यवहार न्यायपालिका की गरिमा के अनुकूल हो। हड़तालों से पक्षकारों को होने वाली असुविधा की ओर से भी गंभीरता से ध्यान देना प्रत्येक वकील का मूलभत कर्त्तव्य है।
एमपी स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन श्री शैलेंद्र वर्मा स्टेट बार सभागार में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान स्टेट बार प्रवक्ता राधेलाल गुप्ता, कार्यकारिणी समिति के उपाध्यक्ष अहादुल्ला उस्मानी व कार्यकारी सचिव मुईन खान सहित अन्य उपस्थित थे।चेयरमैन वर्मा ने कहा कि राज्य के वकीलों को सभी अधिवक्ता संघों को पत्र जारी कर साफ शब्दों में ताकीद दे दी गई है कि भविष्य में अधिवक्ता हड़ताल को अंतिम हथियार के रूप में इस्तेमाल करें। प्रथम हथियार कानूनी कार्रवाई का रास्ता अपनाना ही है।
बातचीत के जरिये दुनिया की सभी समस्याएं हल हो सकती हैं, तो न्यायरथ के दो पहियों बार-बेंच के बीच समन्वय भी स्थापित किया जा सकता है। अधिवक्ता समुदाय का दायित्व है कि उनका व्यवहार न्यायपालिका की गरिमा के अनुकूल हो। हड़तालों से पक्षकारों को होने वाली असुविधा की ओर से भी गंभीरता से ध्यान देना प्रत्येक वकील का मूलभत कर्त्तव्य है।