भोपाल। मध्य प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 27% ओबीसी आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख 3 जनवरी 2023 निर्धारित की गई है। केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दिया गया है कि उसे भी सुनवाई में शामिल किया जाए। बड़ी समस्या यह है कि 3 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी और 6 जनवरी को मध्य प्रदेश में पहले चरण की वोटिंग होनी है। स्थिति विकट बन गई है। चुनाव स्थगित होंगे या नहीं, बड़ा कंफ्यूजन है।
दिल्ली से आ रही ताजा खबर के अनुसार केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दाखिल किया है। कहा है कि मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से जो पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है उसमें केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाया जाए। मध्य प्रदेश सरकार 27% ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को निरस्त करके सभी सीटों को सामान्य घोषित करते हुए चुनाव कराने का आदेश जारी कर दिया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने 27% आरक्षित सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया को सरकार के निर्णय होने तक रोक दिया था, लेकिन सरकार ने पंचायत चुनाव में परिसीमन का अध्यादेश ही संशोधित कर दिया। अब सभी सीटों पर पंचायत चुनाव संकट में आ गया है।
शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट द्वारा अध्यादेश में संशोधन करने, राज्यपाल की मंजूरी मिलने और गजट नोटिफिकेशन हो जाने के कारण प्रत्याशियों ने प्रचार बंद कर दिया है। सभी राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ देख रहे थे। भाजपा नेताओं ने बयान दिया था कि सोमवार शाम तक निर्वाचन आयोग की तरफ से चुनाव रोकने की घोषणा कर दी जाएगी, परंतु निर्वाचन आयोग के आयुक्त ने विधि विशेषज्ञों से सलाह करने का बयान दे दिया। इस सारी प्रक्रिया में 27 दिसंबर का दिन भी निकल गया।
क्योंकि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी है इसलिए 28 दिसंबर को कोई अपडेट आएगा इसकी उम्मीद कम ही है। बड़ा सवाल यह है कि क्या 27% आरक्षण के लिए 73% सीटों पर चुनाव रोका जा सकता है। मध्य प्रदेश में चुनाव संबंधी समाचार एवं अपडेट के लिए कृपया mp election news पर क्लिक करें.