Madhya Pradesh Panchayat Chunav postponed Samachar
भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को स्थगित कर दिया है। शिवराज सिंह चौहान सरकार पंचायत चुनाव के लिए जो अध्यादेश लेकर आई थी, उसे वापस ले लिया है।
उल्लेखनीय है कि पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर मध्य प्रदेश 30 तारीख पंचायत चुनाव में विवाद की स्थिति बन गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी की याचिका पर ओबीसी आरक्षण को निरस्त कर दिया था। मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग को आदेश दिया था कि नए सिरे से अधिसूचना जारी करके पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सभी सीटों को सामान्य घोषित कर दें। राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से कार्रवाई शुरू हो गई थी।
पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर विधानसभा में भी काफी हंगामा हुआ था। उसके बाद भाजपा और कांग्रेस के विधायकों ने संयुक्त रूप से संकल्प लिया था कि पिछड़ा वर्ग आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव नहीं होंगे। आज अचानक बुलाई गई कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित सभी मंत्रियों ने परिसीमन संबंधी अध्यादेश वापस लेकर पंचायत चुनाव निरस्त करने का फैसला लिया है। कैबिनेट का यह फैसला राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
आधिकारिक बयान पढ़िए
कैबिनेट मीटिंग के बाद मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मध्यप्रदेश कैबिनेट द्वारा प्रदेश में पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 9 (क) के अंतर्गत होने वाले पंचायत चुनाव के अध्यादेश को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित कर महामहिम राज्यपाल महोदय को भेजने का निर्णय लिया है।
कांग्रेस ने कहा ठीक कदम है
सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने वाले एडवोकेट एवं कांग्रेस के सांसद विवेक तंखा ने कहा कि 'अगर यह समाचार सही है तो ठीक कदम है। ऑर्डिनेन्स को सरकार ने लैप्स होने दिया। मेरा तर्क यही तो था। इतनी सारी अर्गल बातें मेरे बारे में बोलने की क्या ज़रूरत थी। संवाद सभ्य होना चाहिए। मतभेद को मनभेद मत बनाइए।'