भोपाल। मध्य प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में शिवराज सिंह चौहान द्वारा लागू किया गया ऑर्डिनेंस सुप्रीम कोर्ट ने भी गलत माना है। यह दावा याचिकाकर्ता के वकील वरुण सिंह ठाकुर ने किया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डिनेंस को खारिज नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया है।
मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नामांकन फॉर्म जमा होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ज्यादातर उम्मीदवार आरक्षण विवाद पर फैसले का इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद थी कि आज सुप्रीम कोर्ट में कोई ना कोई फैसला जरूर हो जाएगा परंतु ऐसा नहीं हो सका। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया है। अब 16 दिसंबर को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक बार फिर याचिका पर सुनवाई होगी। सनद रहे कि इससे पहले भी हाई कोर्ट द्वारा याचिका को खारिज किया जा चुका है।
याचिकाकर्ता सैयद जफर ने कहा कि शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नगर निगम और नगर पालिका पर रोटेशन के आधार पर आरक्षण देने पर सहमति जताई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि हम चाहते हैं कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी रोटेशन के आधार पर आरक्षण दिया जाए। क्योंकि यही संवैधानिक और न्याय पूर्ण प्रक्रिया है। इधर मध्यप्रदेश शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण प्रक्रिया पूर्ण करने हेतु 18 दिसंबर 2021 की तारीख सुनिश्चित की है। मध्य प्रदेश में चुनाव संबंधी समाचार एवं अपडेट के लिए कृपया mp election news पर क्लिक करें.