भोपाल। मध्य प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शासकीय कर्मचारियों की ड्यूटी के संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सभी जिलों के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को गाइडलाइन जारी कर दी गई है। स्पष्ट रूप से बताया गया है कि किस प्रकार के कर्मचारियों की ड्यूटी लगानी है और किस प्रकार के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखना है।
राज्य निर्वाचन आयोग की गाइड लाइन में इन सवालों के जवाब
क्या कर्मचारी की नियुक्ति वाले विकासखंड में चुनाव ड्यूटी लगाई जा सकती है।
क्या 60 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी लगा सकते हैं।
क्या कर्मचारी के मूल निवासी वाले विकासखंड में चुनाव ड्यूटी लगा सकते हैं।
पंचायत चुनाव में महिला कर्मचारियों की ड्यूटी कब लगाई जा सकती है।
पंचायत चुनाव ड्यूटी में महिला कर्मचारियों को क्या छूट प्राप्त है।
क्या बैंक कर्मचारियों की ड्यूटी पंचायत चुनाव में लगा सकते हैं।
क्या कृषि मंडी समितियों के कर्मचारी को पीठासीन अधिकारी बना सकते हैं।
क्या न्यायालय के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर लगा सकते हैं।
क्या संविदा कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर लगा सकते हैं।
किन कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी नहीं लगेगी
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने कलेक्टरों को जारी निर्देश में कहा है कि मतदान दल उस ब्लाक (विकासखंड) में ड्यूटी नहीं करेंगे, जहां वे तैनात हैं। किसी भी अधिकारी और कर्मचारी को उस ब्लाक में पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी नियुक्त नहीं किया जा सकेगा, जहां का वह मूल निवासी है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इसके साथ ही 60 साल की उम्र पार कर चुके कर्मचारियों और अधिकारियों को मतदान ड्यूटी से मुक्त रखा गया है। इस चुनाव में संविदा कर्मचारियों की सेवाएं ली जा सकेंगी।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में महिला कर्मचारियों की ड्यूटी कब लगेगी
सचिव बीएस जामोद ने बताया कि अगर मतदान दल में पुरुष पर्याप्त संख्या में मौजूद नहीं हैं तो मतदान अधिकारी क्रमांक 2 और 3 के लिए महिलाओं की ड्यूटी उसी ब्लाक में लगाई जा सकेगी, जिस विकासखंड में पदस्थ हैं। इन महिला कर्मचारियों को रात में मतदान स्थल पर रुकने से राहत दी है। आयोग ने कहा है कि महिला अधिकारी व कर्मचारी मतदान शुरू होने से एक घंटा पहले तक मतदान केंद्र पहुंचने की छूट रहेगी।
पंचायत चुनाव में बैंक कर्मचारियों की ड्यूटी
आयोग ने कलेक्टरों से यह भी कहा है कि ज्यादा दिक्कत होने की दशा में बैंकों और अन्य केंद्रीय विभागों के कर्मचारियों की सेवाएं भी मतदान कराने के लिए ली जा सकेंगी। आयोग ने कहा है कि सहकारी संस्थाओं और मंडी समितियों के कर्मचारियों की ड्यूटी मतदान दल में लगाई जा सकेगी लेकिन उन्हें पीठासीन अधिकारी नहीं बनाया जा सकेगा।
न्यायिक कर्मचारियों को चुनाव डयूटी से छूट
आयोग ने कहा है कि न्यायिक कर्मचारियों और आवश्यक सेवाओं में शामिल कर्मचारियों को भी मतदान ड्यूटी से राहत दी गई है। संविदा के रूप में 3 साल से काम कर रहे कर्मचारियों को मतदान दल में कर्मचारियों की संख्या कम होने पर ड्यूटी में तैनात किया जा सकेगा, लेकिन ये कर्मचारी पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी क्रमांक एक नहीं बनाए जाएंगे। इन्हें मतदान अधिकारी क्रमांक दो या तीन बनाया जा सकता है। मध्य प्रदेश में चुनाव संबंधी समाचार एवं अपडेट के लिए कृपया mp election news पर क्लिक करें.