भोपाल। मध्य प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण का लाभ केवल मध्यप्रदेश के मूल निवासियों को मिलेगा। दूसरे राज्यों से आकर मध्यप्रदेश में रहने वाले नागरिकों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा। खासकर उन बहुओं को जो दूसरे राज्यों की रहने वाली हैं और शादी के बाद मध्य प्रदेश आ गई हैं।
मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नाम निर्देशन-पत्र जमा करते वक्त नामांकन फॉर्म के साथ जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है। जाति प्रमाण पत्र केवल मध्य प्रदेश शासन के प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जारी किया गया ही मान्य किया जाएगा। किसी भी दूसरे राज्य का जाति प्रमाण पत्र मध्य प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण का लाभ के लिए स्वीकार नहीं किया जाएगा।
नेताओं की बाहरी बहुएं सरपंच-अध्यक्ष नहीं बन पाएंगी
इस फैसले का सबसे ज्यादा नुकसान उन नेताओं को होगा जिन्होंने अपने बच्चों की शादी दूसरे राज्यों में की है। उनकी बहुएं अब ना तो सरपंच बन पाएंगे और ना ही जिला पंचायत अथवा जनपद पंचायत अध्यक्ष। आश्चर्यजनक बात यह है कि निर्वाचन कार्यालय की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि क्या दूसरे राज्यों की बहुएं (जिनके पास जाति प्रमाण पत्र है) सामान्य सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। मध्य प्रदेश में चुनाव संबंधी समाचार एवं अपडेट के लिए कृपया mp election news पर क्लिक करें.