मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग 3, बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र (CDP, Child Development and Pedagogy) के सामाजिकरण प्रक्रिया नाम के इस टॉपिक में मुख्य रूप से सामाजिक जगत एवं बच्चे और शिक्षक, अभिभावक और साथी की भूमिका के बारे में अध्ययन करेंगे।
जैसा की हम अपने पिछले टॉपिक्स से अब तक जान ही चुके हैं कि एक बच्चे की वृद्धि और विकास उसके जन्म के पहले ही शुरू हो जाता है परंतु उसके सामाजीकरण की प्रक्रिया जन्म के बाद शुरू होती है और जीवनभर चलती रहती है। चूँकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और बिना समाज के किसी भी व्यक्ति का सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता। सामाजिकरण केवल कौशल क्षमता ही प्रदान नहीं करता, बल्कि इसके माध्यम से व्यक्ति जीवन से संबंधित विभिन्न प्रकार के व्यवहार को भी सीखता है जिसमें कि शिक्षक, अभिभावक और साथी सभी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
सामाजिकरण के प्रकार - Types of socialization
विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से समाजीकरण की प्रक्रिया को दो भागों में बांटा है.
1.प्राथमिक समाजीकरण (Primary Socialization)
2 द्वितीयक या गौण समाजीकरण(Secondary Socialization)
प्राथमिक समाजीकरण क्या होता है
इस अवस्था में एक बच्चा अपने जीवन की शुरुआत करता है (शैशवास्था) प्राथमिक सामाजीकरण के रूप में मुख्य रूप से परिवार, पास-पड़ोस की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। जहां पर बच्चा व्यवहारिक ज्ञान सीखता है।
द्वितीयक समाजीकरण क्या होता है
इस अवस्था में बच्चा अपने विकास की आगे की अवस्था (बाल्यावस्था एवं किशोरावस्था) में पहुंच जाता है और अब सामुदायिक तरीके से सीखने के व्यवहार को अपनाता है। इस प्रकार के समाजीकरण का माहौल, पास-पड़ोस, स्कूल, खेल का मैदान आदि में उसे मिलता है। जो बालकों को व्यवहारिक रूप से सभ्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
समाजीकरण को प्रभावित करने वाले कारक - Agents or Factors affecting the process of socialization
प्राथमिक एवं द्वितीयक समाजीकरण की प्रक्रिया को बहुत से कारक प्रभावित करते हैं- जिनमें मुख्य रुप से परिवार, स्कूल, पाठ्यक्रम, शिक्षा, धर्म, संस्कृति, समाज के नियम, भाषा, मीडिया, साहित्य, मित्रता, आर्थिक स्थिति, वंशानुक्रम, पुरस्कार एवं दंड। यह सभी कारक, कारक होने के साथ-साथ समाजीकरण की प्रक्रिया में भी अपना योगदान देते हैं।
तो कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि हमारा व्यक्तित्व, हमारे समाज और हमारे खुद के बीच का संबंध बताता है। हम अपने व्यक्तित्व को वैसा ही बनाना चाहते हैं जैसे कि हम दूसरों में देखते हैं यानी समाज हमारे लिए दर्पण का काम करता है। मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के इंपोर्टेंट नोट्स के लिए कृपया mp tet varg 3 notes in hindi पर क्लिक करें.