ग्वालियर। MP Public Service Commission (MPPSC) Indore को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच ने मेडिकल ऑफिसर भर्ती हेतु इंटरव्यू के लिए स्वतंत्र कर दिया है। इससे पहले हाईकोर्ट ने इंटरव्यू पर रोक लगा दी थी।
डॉक्टर रौनक शर्मा सहित 5 डॉक्टरों ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दाखिल करते हुए बताया था कि मेडिकल ऑफिसर का पद राजपत्रित द्वितीय श्रेणी अधिकारी का पद है। मध्य प्रदेश शासन के नियुक्ति नियमों के अनुसार इस तरह के पदों पर केवल इंटरव्यू के माध्यम से नियुक्ति नहीं की जा सकती। लिखित परीक्षा के बाद मेरिट लिस्ट के बेस पर इंटरव्यू लिया जाना चाहिए। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा डायरेक्ट इंटरव्यू की जो प्रक्रिया शुरू की गई है वह संविधान के अधिकारों का उल्लंघन है।
शासन की ओर से अधिवक्ता संगम जैन ने पैरवी की। हाईकोर्ट ने इंटरव्यू की प्रक्रिया पर लगाया गया स्टे हटा लिया। इसी के साथ अब मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग मेडिकल ऑफिसर पद के लिए इंटरव्यू कंडक्ट करने हेतु फ्री हो गया है। वह अपने हिसाब से डेट डिसाइड कर सकता है। सनद रहे कि मेडिकल ऑफिसर भर्ती प्रक्रिया में एमपीपीएससी ने एमबीबीएस के रिजल्ट के बेस पर मेरिट लिस्ट तैयार की थी और उसी के आधार पर इंटरव्यू कॉल किए गए। मेडिकल ऑफिसर पोस्ट के लिए किसी तरह का रिक्रूटमेंट एग्जाम कंडक्ट नहीं किया गया था। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.