मध्य प्रदेश के कई युवाओं के जख्म ताजा करेगी यह वेब सीरीज- my opinion

Bhopal Samachar
डॉ प्रवेश सिंह भदौरिया
। कहते हैं फिल्में समाज में चल रहे घटनाक्रम का वास्तविक प्रतिबिंब होती हैं। आजकल फिल्मों की जगह ओटीटी प्लेटफार्म पर वेबसीरीजों ने ले ली है। ऐसी ही एक वेबसीरीज हालिया रिलीज हुई है जिसका आधार मध्यप्रदेश में जाना माना घोटाला है जिसके कारण हिंदी प्रेमी सरकार को भी व्यापम का नाम बदलकर पीईबी करना पड़ा था।

इस सीरीज के प्रत्येक भाग से उन सभी लोगों के ज़ख्म अवश्य ताजा होंगे जो या तो फर्जी विद्यार्थियों के कारण चयनित नहीं हो पाये थे या फिर जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया था। लगभग 50 से अधिक मृत्यु और किसी की भी मौत को हत्या सिद्ध ना कर पाना मसूरी और हैदराबाद पुलिस अकादमी से ट्रेनिंग पाये आईपीएस अधिकारियों की क्षमता पर सवालिया निशान लगाता है। 

एक चिकित्सा महाविद्यालय के डीन जब अपने ही घर में जिंदा जलकर मृत हो जाते हैं तब भी सरकार और प्रशासन में बैठे वरिष्ठ लोग ना केवल खामोश रहे थे बल्कि ऐसे व्यवहार कर रहे थे जैसे घर में कोई कागज़ जला हो।

इस पूरे व्यापम कांड में "इंजन" और "बोगी" बने विद्यार्थियों पर तो कार्यवाही जारी है किन्तु उन्हें इंजिन और बोगी बनाने वाले तथाकथित बड़े लोगों पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। यहां तक कि तब की विपक्षी पार्टी जब सरकार में आयी तब उनके द्वारा भी कोई खास कार्यवाही नहीं की गयी। इससे स्पष्ट था कि इस हमाम में सभी बिना कपड़ों के थे।

आज व्यापम कांड उजागर हुए लगभग एक दशक हो गया है और ऊंची पहुंच वाले चयनित लोग अपने अस्पताल खोलकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। नयी पीढ़ी हो सकता है जान ही ना पाये कि व्यापम कांड सिर्फ एक कांटा नहीं बल्कि कोबरा का जहर था। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.

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