शक्ति रावत। पूरी दुनिया में नया साल शुरू होने पर लोग तरह-तरह के संकल्प लेते हैं, इनमें सबसे ज्यादा लिये जाने वाले संकल्प हैं, बजन कम करना, पढ़ाई शुरू करना, सेहत का ध्यान रखना और खानपान को सुधारना। सबसे ज्यादा लोग वजन और पढ़ाई को लेकर संकल्प लेते हैं, लेकिन शोध बताते हैं, कि 80 फीसदी लोगों का नये साल का संकल्प जनवरी का पहला सप्ताह खत्म होते- होते टूट जाता है।
बचे हुए 20 फीसदी लोगों में से 19 फीसदी लोग जनवरी का आखरी सप्ताह खत्म होते-होते वापस पुराने ढर्रे पर लौट आते हैं। ऐसा इसलिये होता है, क्योंकि लोग ना तो अपने संकल्प को लेकर पहले से कोई तैयारी करते हैं, और ना ही समय रहते उसकी योजना बनाते हैं। अचानक बिना किसी तैयारी के शुरू किया गया कोई भी काम सफल नहीं हो सकता। इसलिये अगर आप भी नये साल पर कोई संकल्प लेने की सोच रहे हैं, तो उसकी तैयारी आज से ही शुरू करें। उसके लिए अगर ये तरीखें अपनाएं तो ज्यादा कारगर साबित हो सकते हैं।
1- सबसे पहले अपना संकल्प लिखें
कोई भी आदत या बात तब तक आपके जीवन में जड़ नहीं जमा सकती, जबतक कि वह आपके दिमाग में मजबूत ना हो। इसलिये अगर वाकई आप नये साल में किसी संकल्प या नई आदत को लेकर गंभीर हैं, तो सबसे पहले उसे कागज पर लिखिये। अब इसे एक सप्ताह तक रोज पढि़ये, पूरे ध्यान से, और पूछिये खुद से कि क्या मैं वाकई अपने संकल्प को लेकर गंभीर हूं। अगर ईमानदारी से जवाब हां आ रहा है, तो आप सही ट्रैक पर हैं, इससे नया संकल्प आपके दिमाग में बैठ जाएगा, और उसे पूरा करना आसान होगा।
2- 15 दिन पहले शुरू करें अभ्यास
दूसरा चरण है, अमल का। जैसे मैने पहले कहा अगर आप बिना तैयार 1 जनवरी से कुछ भी शुरू करेंगे, वह संकल्प ज्यादा दिन नहीं चल पाएगा। अगर नये साल में कोई संकल्प या बदलाव लाना है, तो तैयारी 15 दिन पहले दिसंबर में ही शुरू कर दीजिये। जैसे आपको वजन घटाना है, या खानपान या सेहत या पढ़ाई से जुड़ी नई आदत अपनानी है, तो प्रैक्टिस अभी से शुरू कर दीजिये। इससे संकल्प ताकतवर होगा और नये साल में पटरी पर आ जाएगा।
3- अनुशासन से समझौता ना करें
लोग जोश में नया साल लगते ही संकल्प पर काम शुरू करते हैं, लेकिन जैसे दिन गुजरते हैं, थकान और दूसरी उलझनों की वजह से जोश कमजोर पडऩे लगता है, फिर अनुशासन भी ढीला होने लगता है, और काम की जगह बहाने तलाशने शुरू हो जाते हैं। अगर आप सच में जिंदगी को बदलने वाले किसी संकल्प पर काम कर रहे हैं, तो किसी भी सूरत में डिसीप्लेन के मामले में समझौता ना करें। शुरू में सिर्फ एक महीने परेशानी होगी। 45 दिनों में आपका शरीर और दिमाग उस आदत या संकल्प को स्वीकर कर लेगा। - लेखक मोटीवेशनल और लाइफ मैनेजमेंट स्पीकर हैं।