जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में चल रही प्राेफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया को हाईकोर्ट ने एक याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया है। इसके बाद नियुक्ति प्रक्रिया जारी रहेगी लेकिन हाई कोर्ट का निर्णय आने तक अस्थाई रहेगी और यदि यूनिवर्सिटी हाई कोर्ट में केस हार जाती है तो नियुक्ति निरस्त हो सकती है। याचिकाकर्ता ने आरक्षण पर आपत्ति जताई थी। मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को निर्धारित की गई है।
न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी डा.अमित कुमार साहू की ओर से अधिवक्ता विजयेंद्र सिंह चौधरी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि रादुविवि में प्राेफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया जारी है। इसके लिए जो विज्ञापन निकाला गया, उसमें आरक्षण के विहित प्रवधान का नियमानुसार पालन सुनिश्चित नहीं किया गया है।
रादुविवि को एक इकाई मानते हुए आरक्षण निर्धारित कर दिया गया। जबकि विषयवार आरक्षण तय किया जाना चाहिए था। न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनने के बाद भर्ती प्रक्रिया को स्थगित नहीं किया लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान होने वाली सभी नियुक्तियों को इस याचिका के निर्णय के अधीन कर दिया है। यानी यदि याचिकाकर्ता जीत जाता है तो प्रोफेसरों की भर्ती निरस्त हो सकती है। जबलपुर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया jabalpur news पर क्लिक करें.