small business ideas in hindi for village
यदि आप अपने गांव में रहते हुए एक एकड़ खेत में 300000 रुपए सालाना कमाना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए है। भारत के मैदानी इलाकों में कोई भी कमा सकता है। क्योंकि मध्यप्रदेश के बैतूल में 755 आदिवासी महिलाएं कई सालों से कमा रही हैं।
मध्यप्रदेश में आदिवासी महिलाएं सिल्क कंपनी चलाती हैं
मध्य प्रदेश के सरकारी दस्तावेजों में जिन आदिवासी महिलाओं को कमजोर और कुपोषित मानकर ₹1000 प्रतिमाह पोषण भत्ता दिया गया। उसी मध्यप्रदेश में बैतूल जिले में 40 गांव की 755 महिलाएं सतपुड़ा वुमन मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का संचालन करती हैं। इस कंपनी का मुख्यालय किसी शहर में नहीं बल्कि पाढ़र नाम के एक गांव में है।
1 एकड़ के खेत में 300000 रुपए वार्षिक की कमाई कैसे होती है
किसी भी खेत के लिए 1 एकड़ सबसे छोटी इकाई है। हर साल हजारों के साथ जिनके पास 1 एकड़ या इससे अधिक जमीन होती है, खेती में घाटे के कारण आत्महत्या कर लेते हैं। बैतूल की आदिवासी महिलाओं ने शहतूत की खेती शुरू की है। कुछ महिलाओं ने तो घर के आस-पास नर्सरी बना ली है। शहतूत की बुवाई 15 साल में एक बार करनी पड़ती है। साल में 4 बार फसल आती है। एक बार में ₹80000 का मुनाफा होता है। फसल बेचने के लिए अपने घर से बाहर भी नहीं जाना पड़ता।
गांव में सिल्क कंपनी शुरू करने के लिए क्या करना होगा
लगभग 800 लोगों का एक संगठन बनाना होगा। सरकारी इसे सहकारिता कहती है। सभी लोग मिलकर शहतूत की खेती करेंगे और थोड़ा थोड़ा योगदान करके सिल्क कंपनी की स्थापना करेंगे। कंपनी के प्रबंधन के लिए मैनेजर नियुक्त किए जाएंगे लेकिन शहतूत से सिल्क का धागा बनाने तक की प्रक्रिया कंपनी के 800 डायरेक्टरों द्वारा पूरी की जाएगी। हर व्यक्ति को उसके अतिरिक्त काम का वेतन भत्ता भी मिलेगा। कुल मिलाकर कंपनी के मालिक कंपनी में काम करेंगे, कर्मचारी केवल खाते और सरकारी गतिविधियों के लिए नियुक्त किए जाएंगे। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.