जबलपुर। यदि आप किसी दूसरे व्यक्ति के नाम बिजली कनेक्शन का उपयोग करते हैं तो बिजली कंपनी के अधिकारी इसे बिजली चोरी (electricity act 2003 section 138) मानते हैं। जबलपुर कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा का मामला ऐसा ही है। जबलपुर में उनके नाम से कोई बिजली कनेक्शन नहीं है। इतना ही नहीं जिस मीटर से जबलपुर कलेक्टर के बंगले की बिजली जलाई जा रही है उसका बिल भी जनवरी 2020 से आज तक नहीं भरा गया है।
जबलपुर कलेक्टर पर 1.25 लाख रुपए बिजली बिल बकाया
बिजली कंपनी ने बकाया तारों की सूची में जबलपुर कलेक्टर का नाम भी घोषित कर दिया है। कंपनी का कहना है कि कलेक्टर के बंगले पर 1.25 लाख रुपए बिजली का बिल बकाया है। नियमानुसार बिजली का बिल कलेक्टर को अपने वेतन से जमा करना होता है। बिजली अधिकारियों का कहना है कि भुगतान के लिए कई बार कलेक्टर बंगले गए परंतु बिजली का बिल आज तक जमा नहीं हुआ है।
बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि नियमानुसार ट्रांसफर होकर जब कोई नया अधिकारी आता है तो बिजली कनेक्शन में नाम परिवर्तन के लिए आदेशित करता है परंतु श्री कर्मवीर शर्मा कलेक्टर जबलपुर द्वारा नाम परिवर्तन के लिए अब तक कोई प्रक्रिया नहीं की गई है। पूर्व कलेक्टर के नाम पर बिजली कनेक्शन है, जिसका उपयोग किया जा रहा है।
1000 से अधिक के बकाया पर बिजली कनेक्शन काटने का प्रावधान
बिजली कंपनी अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि किसी भी उपभोक्ता पर यदि ₹1000 से अधिक का बिजली बिल बकाया है तो उसका कनेक्शन काटने का प्रावधान है। इतना ही नहीं यदि बिजली बिल ₹15000 से ज्यादा हो जाता है तो वसूली की कार्रवाई की जाती है। समाचार माध्यमों से आए दिन पता चलता है कि बिजली बिल बकाया होने के कारण बिजली कंपनी के कर्मचारी किसानों की मोटर और ट्रैक्टर जप्त कर के ले जाते हैं। जबलपुर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया jabalpur news पर क्लिक करें.