जबलपुर। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जनवरी 2020 को प्रदेश के शासकीय लोक सेवकों के लिए निःशुल्क उपचार हेतु राज्य कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना को मंजूरी दी गई थी। योजना के केबिनट से पास होने के बाद भी वर्तमान सरकार द्वारा इसे आज दिनांक तक लागू नहीं किया गया है।
प्रदेश के लगभग 2.5 लाख अधिक अध्यापकों को एक आशा बंध गई थी कि केन्द्रीय कर्मचारियों के समान ही उन्हें किसी भी प्रकार की बीमारी में बाजार के मेडिक्लेम के सहारे नहीं रहना पडेगा साथ ही वह किसी बीमारी से ग्रस्ति होन पर अस्पताल में अच्छे से अच्छा इलाज ले पायेगा , परन्तु सरकार द्वारा लगभग दो वर्ष बीत जाने के बाद भी राज्य कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू नहीं किया गया है जिससे अध्यापकों को कोरोना महामारी एवं अन्य बीमारी के इलाज में जमा पूंजी के साथ ही सहूकारों से पैसे कर्ज लेकर अस्पताल का बिल चुकाने मजबूर होना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य बीमा योजना लागू न होने से कोरोनाकाल में अध्यापक व उनका परिवार अपने आपको ढ़गा हुआ महसूस कर रहे है यदि शासन समय रहते इस बीमा योजना को लागू कर देता ता प्रदेश के हजारों अध्यापक बेहतर बुनयादी सुविधा का लाभ उठा पाते । इस योजना के लागू न होने से प्रदेश के अध्यापकों पर दोहरी मार पड़ रही है एक तरफ बाजार का मेडिक्लेम जिसमें प्रतिवर्ष हजारों रूपये देने के बाद भी क्लेम नहीं मिल पा रहे हैं वहीं दूसरी ओर इलाज में स्वयं की जमा पूँजी भी खर्च हो रही है।
संघ के मुकेश सिंह , अजय सिंह ठाकुर , मनीष चौबे , नितिन अग्रवाल , गगन चौबे , श्यामनारायण तिवारी ,धीरेन्द सोनी, मो तारिक, प्रणव साहू , राकेश उपाध्याय , मनोज सेन , सुदेश पाण्डेय , विनय नामदेव , देवदत्त शुक्ला , सोनल दुबे , विजय कोष्टी , अब्दुल्ला चिस्ती , पवन ताम्रकार , संजय श्रीवास्तव , आदित्य दीक्षित , संतोष कावेरिया , जय प्रकाश गुप्ता , आनंद रैकवार , अभिषेक मिश्रा , संतोष तिवारी आदि ने माननीय मुख्यमंत्री जी से ई मेल भेजकर मांग की है कि अध्यापकों के निःशुल्क उपचार हेतु राज्य कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना कोरोना महामारी की तीसरी लेहर के पूर्व लागू किया जाये। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.