ग्वालियर। नियमानुसार ट्रांसफर इनाम नहीं होता है और ना ही दंड, लेकिन मध्य प्रदेश के डीजीपी ने हाई कोर्ट में प्रस्तुत शपथ पत्र में बताया है कि लापरवाही के दोषी तीन अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया है। मामला बलात्कार के मामले में डीएनए रिपोर्ट में देरी का है।
दतिया जिले के भांडेर थाने में दर्ज हुए बलात्कार के मामले में गिरफ्तार करके जेल भेजे गए आरोपी हेमंत ने हाई कोर्ट में प्रस्तुत जमानत याचिका में दलील दी थी कि उसकी गिरफ्तारी के लंबे समय बाद तक डीएनए रिपोर्ट नहीं आई है। निकट भविष्य में आने की संभावना भी नहीं है। पुलिस की इन्वेस्टिगेशन पूरी होने एवं चार्जशीट दाखिल होने में बहुत समय लगेगा। इसलिए उसे जमानत दे दी जाए।
इसी मामले में हाईकोर्ट ने पुलिस से डीएनए रिपोर्ट के बारे में पूछा था। स्थानीय पुलिस जब हाईकोर्ट को संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई तो हाई कोर्ट बीजेपी से शपथ पत्र पर कारण पूछा। बीजेपी ने जवाब प्रस्तुत करते हुए बताया कि डीएनए रिपोर्ट में देरी के लिए तीन अधिकारियों को दोषी मानते हुए स्थानांतरण कर दिया है। सागर लैब की डायरेक्टर हर्षा सिंह को भोपाल, लैब प्रभारी पंजक श्रीवास्तव का ग्वालियर स्थानांतरण किया गया है। वहीं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक तकनीकि को हटाकर अब रिसर्च एंड डेवलपमेंड दिया गया है। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.