मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला न्यायालय में विशेष न्यायाधीश एसएस परमार ने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय का फर्जी कंप्यूटर डिप्लोमा लगाकर सरकारी नौकरी हासिल करने वाले रोजगार सहायक को 5 साल जेल की सजा सुनाई।
जनपद पंचायत छतरपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत पिड़पा में पदस्थ रोजगार सहायक बृजेश राजपूत के बारे में मुख्य कार्यपालन अधिकारी को शिकायत मिली थी कि उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरी प्राप्त की है। डिपार्टमेंटल इंक्वायरी के दौरान पाया गया कि DCA- डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशंस जो माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से जारी होना बताया गया था, फर्जी है।
विभागीय जांच के आधार पर दिनांक 14 जून 2011 को गढ़ी मलहरा थाने में रोजगार सहायक बृजेश राजपूत के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। 10 साल से अधिक अवधि तक कोर्ट में चले ट्रायल के बाद विशेष न्यायाधीश एसएस परमार ने बृजेश राजपूत द्वारा अपराध किया जाना पाया और धारा 468 में 5 वर्ष का सश्रम कारावास और 10000 रुपए अर्थदंड से दंडित करने का आदेश पारित किया। धारा 420 में अपराध सिद्ध न होने से दोषमुक्त किया गया है। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.