मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा से संबंधित 9 शिक्षकों को ठीक उसी प्रकार प्रताड़ित करते हैं जैसे कोई धूर्त शिक्षक क्लास के टैलेंटेड स्टूडेंट को। स्कूल में धूर्त शिक्षक, अच्छे बच्चों को भी एक-एक नंबर के लिए तरसा देता है इसी प्रकार मध्य प्रदेश शासन के लिए काम करने वाले शिक्षकों को भी एक-एक सिग्नेचर के लिए तड़पाया जाता है।
मामला 70 हजार नवीन संवर्ग के शिक्षकों का है। यह सभी शिक्षक शिवराज सिंह सरकार द्वारा बनाए गए नवीन संवर्ग, राज्य शिक्षा सेवा के कर्मचारी हैं। 4 साल पहले इनके संविलियन के समय विश्वास दिलाया गया था कि संविलियन के बाद शिक्षकों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा और वह अपने मूल कर्तव्य (स्कूलों में अच्छी शिक्षा) पर फोकस कर पाएंगे। संविलियन के बाद नौकरी तो पक्की हो गई परंतु मध्य प्रदेश शासन के अन्य कर्मचारियों की भर्ती शासन के नियम एवं नीतियों का लाभ नहीं दिया जाता।
फिलहाल शिक्षकों को क्रमोन्नति के लिए तरसाया जा रहा है। पहले डिपार्टमेंट ने प्रस्ताव नहीं बनाया था। शिक्षक संगठनों ने दबाव बनाया तो प्रस्ताव तैयार किया। फिर मंजूरी के लिए मंत्री के पास नहीं भेजा। फिर दबाव बनाया तब प्रस्ताव स्कूल शिक्षा मंत्री के पास भेजा गया। यहां पर भी फाइल ने इंतजार करवाया। नेताओं की स्कूल शिक्षा मंत्री के साथ कई मुलाकातों के बाद प्रस्ताव मंजूर कर दिया गया परंतु अब डिपार्टमेंट की तरफ से आदेश जारी नहीं किया जा रहा है। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.