भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ का फर्जी ऑफिस संचालित किया जा रहा था। रीवा के रहने वाले संजय मिश्रा और आष्कृत मिश्रा मिलकर जालसाजी कर रहे थे। पूरे प्रदेश में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को छापे का डर दिखा कर वसूली किया करते थे। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
असली EOW द्वारा बताया गया कि संजय मिश्रा और आष्कृत मिश्रा पिता पुत्र हैं और तिलक नगर, रीवा के रहने वाले हैं। दोनों ने कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों को छापामार कार्रवाई का डर दिखाकर पैसों की वसूली की। जल संसाधन विभाग के जयकिशन द्विवेदी ने इनके खिलाफ मामला दर्ज करा दिया था। संजय मिश्रा एंड संस ने जय किशन द्विवेदी से ₹100000 की वसूली की थी। पुलिस ने मामला दर्ज करके उस बैंक अकाउंट को सीज कर दिया था जिसमें पैसे जमा कराए गए।
EOW के अनुसार मामला दर्ज होने के बाद संजय मिश्रा और आष्कृत मिश्रा रीवा से फरार होकर भोपाल आ गए और भोपाल से बैठकर पूरे प्रदेश में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कार्रवाई का डर दिखा कर वसूली का खेल शुरू कर दिया। इनका बैंक अकाउंट सीज हो गया था। पुलिस ने ₹10000 का इनाम घोषित कर दिया था। इसलिए टीटी नगर में रहने वाले पन्ना जिले के रघुराजा उर्फ राहुल गर्ग को 10% का पाटनर बना लिया। रघुराज के बैंक अकाउंट में पैसा जमा कराने लगे। EOW ने इसी बैंक अकाउंट के आधार पर पहले रघुराज और फिर संजय एवं उसके बेटे आष्कृत मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.