भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित चिरायु अस्पताल की फार्मासिस्ट सतीश कुमार गुप्ता की लाश रेलवे ट्रैक पर पड़ी मिली है। सतीश के परिजनों का कहना है कि यह हादसा नहीं बल्कि हत्या का मामला है। घटना के एक दिन पहले उसे जान से मारने की धमकी दी गई थी। पुलिस इसे आत्महत्या का मामला बता रही है। पुलिस ने सतीश गुप्ता का मोबाइल जप्त कर लिया है।
भोपाल जीआरपी थाना प्रभारी दिनेश सिंह चौहान ने बताया कि 30-31 की दरमियानी रात डेढ़ बजे मालगाड़ी के चालक राहुल शर्मा ने पुलिस को बैरागढ़ रेलवे फाटक के पास किसी का शव पड़े होने की सूचना दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया। मृतक के गले में उसका परिचय पत्र का कार्ड लटका हुआ था। पास ही उसका मोबाइल फोन भी पड़ा था। परिचय पत्र के आधार पर मृतक की पहचान सतीश कुमार गुप्ता (26) के रूप में हुई। वह चिरायु अस्पताल में फार्मासिस्ट था। वह अस्पताल परिसर में बने होस्टल में रहता था। मूलत: ग्राम निदपुरा जिला सीधी निवासी सतीश आठ माह पहले ही चिरायु में नौकरी करने आया था।
टीआइ चौहान के मुताबिक मोबाइल का पैटर्न लाक नहीं खुलने के कारण उसे जांच के लिए साइबर सेल भेजा जा रहा है। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। मृतक के मोबाइल की सीडीआर निकलवाई जा रही है। शुक्रवार को पोस्टमार्टम कराने के बाद सतीश का शव स्वजन के सुपुर्द कर दिया गया। परिजनों का कहना है कि सतीश के मोबाइल से उसकी हत्या का राज खुल जाएगा लेकिन हमें शंका है कि भोपाल पुलिस चिरायु अस्पताल का नाम होने के कारण इस मामले में निष्पक्ष जांच करेगी।
व्यापम घोटाले में भी ऐसी ही मौतें हुई थी
यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि व्यापम घोटाले के समय भी घोटाले से जुड़े हुए लोगों की इसी प्रकार से मृत्यु हुई थी। एक दर्जन से ज्यादा लोग हादसे का शिकार हुए थे। नम्रता डामोर की मृत्यु भी इसी प्रकार हुई थी। जैसे पहले हत्या, फिर हादसा और बाद में आत्महत्या करार दिया गया। इस मामले की तह तक पहुंच चुके टीवी जर्नलिस्ट अक्षय सिंह की उस समय मृत्यु हो गई थी जब वह नम्रता डामोर के माता-पिता का बयान ले रहे थे। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया bhopal news पर क्लिक करें.