भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पुलिस कमिश्नर मकरंद देउसकर ने इंस्पेक्टर हरीश यादव को बर्खास्त कर दिया है। डिपार्टमेंटल इंक्वायरी में हरीश यादव को हनी ट्रैप रैकेट के संचालन का दोषी माना गया है। मामला उस समय का है जब इंस्पेक्टर हरीश यादव अयोध्या नगर पुलिस थाने में टीआई के पद पर पदस्थ थे।
सितंबर 2019 में निशातपुरा पुलिस द्वारा कुछ लड़कियों को हनी ट्रैप और ब्लैक मेलिंग के मामले में पकड़ा गया था। लड़कियों ने अपने बयान में बताया कि यह सारा कारोबार इंस्पेक्टर हरीश यादव के संरक्षण में चलता है। बलात्कार के मामले में गिरफ्तार किए गए एक युवक ने भी वरिष्ठ अधिकारियों से इस मामले में शिकायत की थी एवं अपनी तरफ से कुछ प्रमाण प्रस्तुत किए थे। मामला गंभीर होने के कारण इंस्पेक्टर हरीश यादव सस्पेंड कर दिया गया था। डिपार्टमेंटल इंक्वायरी में काफी समय लगने के कारण हरीश यादव की पोस्टिंग सागर जिले में हो गई थी।
विभागीय जांच में बताया गया है कि इंस्पेक्टर हरीश यादव जब भोपाल के अयोध्या नगर पुलिस थाने में टीआई के पद पर पदस्थ थे तब उन्होंने पूरे शहर में इस रैकेट का संचालन किया। उन्होंने कुछ लड़कियों को प्रतिबंधित व्यवहार में पकड़ा और अपने रैकेट में शामिल करके छोड़ दिया। पूरी प्लानिंग के तहत लड़कियां, लोगों को अपने जाल में फंसा कर वीडियो बना लेती थी। यह वीडियो इंस्पेक्टर हरीश यादव को दिया जाता था। इसी के आधार पर लोगों को ब्लैकमेल किया जाता था।
यह भी बताया गया है कि लोगों के खिलाफ झूठे बलात्कार के मामले दर्ज करवाए जाते थे ताकि शिकार भारी दबाव में आ जाए। उसके बाद मुंह मांगी रकम हासिल की जाती थी। शिकायतकर्ता युवक से ₹500000 की मांग की गई थी। जांच में दावा किया गया है कि कम से कम 10 लोगों को हनीट्रैप का शिकार बनाकर ब्लैकमेल किया गया था।भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया bhopal news पर क्लिक करें.