वर्तमान में भारत में 29 राज्य एवं 8 केन्द्र शासित प्रदेश हैं एवं सभी राज्य में अलग-अलग प्रकार की भाषा बोली जाती है। भारतीय संविधान के अनुसार 22 भाषाओं को मान्यता प्राप्त है एवं देश की राष्ट्रीय भाषा हिंदी हैं लेकिन हिन्दी की बात करे तो हिन्दी मे एक शब्दों के अनेक अर्थ निकलते हैं। जैसे आकाश को गगन, अम्बर, नभ बोल सकते हैं मगर विधि (कानूनी) भाषा में ऐसा नहीं होता है।
विधि अर्थात भारतीय दण्ड संहिता, दण्ड प्रक्रिया संहिता आदि में शब्दों का वही अर्थ समझा जाएगा जो विधि में लिखा गया है। जैसे चोरी अगर पैसों, समान आदि की हुई है तो उसके लिए चोरी के दण्ड का अपराध होगा न कि उसका अर्थ लूट, डकैती, या बच्चों की चोरी आदि निकाला जाएगा।
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 214 की परिभाषा:-
प्रत्येक आरोप में अपराध का वर्णन करने में उपयोग में लाए गए शब्दों को उसी अर्थ में उपयोग में लाया गया समझा जाएगा जो अर्थ उन्हें उस विधि द्वारा दिया गया है एवं जिसके अधीन ऐसा अपराध दण्डनीय हैं। इस धारा में यह स्पष्ट कर दिया हैं कि कानूनी या विधि भाषा में प्रयुक्त शब्दों का अलग अलग अर्थ नहीं निकला जा सकता हैं, क्योंकि पूरे भर में एक ही दण्ड विधान संहिता एवं दण्ड प्रक्रिया संहिता हैं। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com