पुलिस जब किसी अपराध के आरोप का इन्वेस्टिगेशन करती है तब पूरी रिपोर्ट अर्थात पुलिस चार्जशीट को वह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास भेज देती है एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को लगता है कि मामला सत्र न्यायालय में विचारण योग्य है तब मामले को वह सत्र न्यायालय भेज देता है। ऐसे में सत्र न्यायालय की कार्यवाही कब एवं किसके द्वारा प्रारंभ की जाएगी जानते हैं।
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 225 की परिभाषा:-
जब कोई मामला किसी अन्य छोटे न्यायालय द्वारा सत्र (सेशन) न्यायालय में सौपा जाता है तब प्रत्येक विचारण में अभियोजन का संचालन लोक-अभियोजक (सरकारी वकील) द्वारा प्रारम्भ किया जाएगा। अर्थात पीड़ित व्यक्ति को सरकार की तरफ से जो शासकीय वकील मिलेगा वह सरकार का पक्षकार होगा या किसी व्यक्ति ने सरकार के विरुद्ध कोई मामला सत्र न्यायालय भेजा है तब इसका संचालन हमेशा लोक-अभियोजक द्वारा विचारण का संचालन प्रारंभ होगा।
:- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com