मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच से बड़ी खबर आ रही है। जहां एक और उच्च शिक्षा मंत्री ने हर हाल में ऑफलाइन परीक्षा कराने की घोषणा की है वहीं दूसरी ओर हाई कोर्ट ने स्टूडेंट्स को स्वतंत्र कर दिया है। वह ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी मोड में परीक्षा दे सकते हैं।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा ऑफलाइन परीक्षा के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी। एक तरफ यूनिवर्सिटी की ऑफलाइन परीक्षा शुरू हो गई है। दूसरी तरफ हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी को आदेशित किया है कि वह विद्यार्थियों को दोनों विकल्प उपलब्ध कराएं।
उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय प्रबंधन को विद्यार्थियों के समक्ष दोनों विकल्प रखने होंगे। स्टूडेंट या फैसला करने के लिए स्वतंत्र होंगे कि वह ऑफलाइन परीक्षा देना चाहते हैं अथवा ऑनलाइन। सनद रहे कि पूरे मध्यप्रदेश में ऑफलाइन परीक्षा का विरोध हो रहा है और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने हर हाल में ऑफलाइन परीक्षा कराने का फैसला सुना दिया है।
हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब क्या होगा
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट को हाई कोर्ट के डिसीजन का पालन करना होगा। ऑनलाइन एग्जाम कराने के लिए उसके पास संसाधन ही नहीं है। इसलिए रेगुलर एग्जाम के बाद कोविड-19 पॉजिटिव स्टूडेंट्स के लिए एग्जाम के सेकंड राउंड की जो घोषणा की गई थी, उसी राउंड में सभी अनुपस्थित स्टूडेंट्स की परीक्षा कराई जाएगी। यानी परीक्षा ऑनलाइन अथवा ओपन बुक नहीं होगी। स्टूडेंट के पास विकल्प है कि वह चाहे तो अभी परीक्षा दें या फिर सेकंड राउंड में दे सकते हैं।
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