भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा जिले में कन्यादान योजना के तहत हुए घोटाले पर कलेक्टर उमाकांत भार्गव को फोन लगाकर नाराजगी व्यक्त की। परिणाम स्वरूप भ्रष्टाचार के आरोप में सिरोंज जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शोभित त्रिपाठी को सस्पेंड कर दिया गया। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में घोटाले का मामला विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने उठाया था। प्राथमिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद सिरोंज जनपद पंचायत के सीईओ शोभित त्रिपाठी के खिलाफ राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (इओडब्ल्यू) ने प्रकरण दर्ज कर लिया है।
लॉकडाउन में कन्यादान योजना के तहत विवाह समारोह करवा दिया
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार प्राथमिक जांच के दौरान पाया गया कि कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन लगाया गया था। सभी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध था इसके बावजूद डाक्यूमेंट्स के अनुसार सिरोंज जनपद पंचायत के अंतर्गत 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2021 के बीच 3000 हितग्राहियों को कन्यादान योजना के तहत विवाह समारोह आयोजित करने के लिए 18523200 रुपए की सहायता वितरित की गई। उल्लेखनीय है कि भवन व अन्य संनिर्माण कर्मचारी कल्याण मंडल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को विवाह सहायता योजना में 51 हजार रुपये की सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
27 साल के युवक की 3 बेटियों की शादी के लिए सहायता दे दी
व्यापक जांच कराने पर पता चला कि वर्ष 2019 से नवंबर 2021 के बीच सिरोंज जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा कुल 5923 प्रकरण स्वीकृत करके 30 लाख 18 हजार 39 हजार रुपये वितरित किए गए। इनमें से अधिकांश प्रकरण बोगस प्रकृति के थे। विवाह सहायता की राशि हितग्राहियों के बैंक खातों में अंतरित न करके सीईओ ने अन्य व्यक्तियों के खातों में जमा की। ऐसे व्यक्तियों के नाम पर प्रकरण स्वीकृत किए गए, जिनकी कोई पुत्री ही नहीं है। 27 वर्ष के नवयुवक की पुत्रियों के नाम पर तीन-तीन प्रकरण स्वीकृत किए गए। जांच में यह भी पाया गया कि ऐसे व्यक्तियों को भी सहायता राशि दी गई, जिन्होंने इसके लिए आवेदन भी नहीं किया था। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.