क्या मछलियों को भी ठंड लगती है, क्योंकि उनका खून तो पहले से ही ठंडा होता है- GK in Hindi

Bhopal Samachar
अपन सभी जानते हैं कि जल में रहने वाले जीवों का खून ठंडा होता है, इसीलिए तो वह नदी तालाबों की गहराइयों में आसानी से जीवित रह पाते हैं। सवाल यह है कि ठंड के मौसम में जबकि तापमान सामान्य से कम हो जाता है। क्या इस मौसम का मछलियों पर कोई असर पड़ता है। क्या मछलियों को भी ठंड लगती है यदि हां, तो ठंड से बचने के लिए मछलियां क्या करती हैं। 

क्या ठंड के कारण मछलियां बीमार हो जाती हैं

गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के फिशरीज कॉलेज के प्रोफेसर एवं वैज्ञानिक डॉ. मीरा डी आंसल का कहना है कि मछलियों को भी ठंड लगती है। कई बार ठंड के कारण मछलियां ऐपिजुएटिक अल्सरेटिव सिन्ड्रोम’ (EUS) नामक बीमारी से पीड़ित हो जाती हैं। इस बीमारी में मछलियों के शरीर में लाल रंग के चकते उभर आते हैं। यह बिल्कुल वैसा ही होता है जैसा मनुष्यों के शरीर में शीत के लाल रंग के चकते उभर आते हैं। कोहरा और बादल के कारण सूर्य की रोशनी कम मिलती है इसलिए पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए भी मछलियां बीमार होने लगती हैं। यही कारण है कि सर्दी के मौसम में मछली खाने से मनाही की जाती है।

ठंड से बचने के लिए मछलियां क्या करती हैं

समुद्र और बहती हुई नदियों में रहने वाली मछलियां तो बड़ी आसानी से ठंड के मौसम का सामना कर लेती हैं क्योंकि समुद्र और नदियों में जल का प्रवाह बना रहता है लेकिन तालाबों में रहने वाली मछलियों का जीवन संकट में आ जाता है। सर्दी के मौसम में तालाब के पानी की ऊपरी सतह ठंडी हो जाती है। ठंड से बचने के लिए मछलियां तालाब के नीचे तली में चली जाती हैं। यही कारण है कि वैज्ञानिक तालाब की गहराई कम से कम 6 फुट रखने की अनुशंसा करते हैं।

तालाब गहरा ना हो तब मछलियों को ठंड से बचाने के लिए क्या करें

मछलियों को ठंड से बचाने के लिए कई तरह की दवाइयां प्रयोग में लाई जाती हैं। सीफैक्स (cifax) नाम की दवाई बाजार में मिलती है। इसके अलावा कई घरेलू प्रयोग भी हैं। तालाब के किनारे वाले पेड़ों को कांट-छांट कर सूरज की रोशनी पहुंचाई जाती है। तालाब की सतह पर पड़े हुए पत्ते और कचरा हटा दिया जाए। तालाब में ताजे पानी का प्रवाह किया जाए और ऊपरी सतह का पानी मोटर लगाकर निकाल दिया जाएगा। घरेलू उपचार भी है जिसमें चूना और हल्दी का प्रयोग किया जाता है। टेरामाइसिन या सल्फाडाइजिन नामक दवाइयां भी आती है।  Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article 
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