रेलवे ट्रैक अपन सभी ने देखा है। वह बिल्कुल सपाट होती है परंतु जब हम ट्रेन के पहियों को देखते हैं तो एक आश्चर्यजनक प्रश्न उपस्थित होता है। ट्रेन के पहिए सपाट नहीं होते बल्कि थोड़े क्रॉनिकल होते हैं। सवाल यह है कि जब रेलवे ट्रेक फ्लैट होते हैं तो फिर ट्रेन के पहिए क्रॉनिकल क्यों होते हैं।
ट्रेन के पहिए सपाट होंगे तो, पटरी से उतर जाएंगे
दरअसल यह इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन उदाहरण है। हम सभी जानते हैं कि ट्रेन के व्हील्स को ट्रैक पर बनाए रखने के लिए एक प्लेट का उपयोग किया जाता है, यही कारण है कि चलती हुई ट्रेन रेलवे ट्रैक से नीचे नहीं उतरती लेकिन सिर्फ इंजीनियर जानते हैं कि यह प्लेट इतनी ताकतवर नहीं होती की चलती हुई भारी भरकम ट्रेन को पटरी से नीचे उतरने से रोक सकें। इंजीनियर्स ने यह कमाल ट्रेन के पहियों को थोड़ा सा क्रॉनिकल करके कर दिया है। क्रॉनिकल होने के कारण जैसे ही कोई पहिया रेलवे ट्रैक से स्लिप होने की कोशिश करता है। दूसरा पहिया उसे खींच कर वापस ले आता है। आपको पता भी नहीं चलता क्योंकि ट्रेन अपनी स्पीड से दौड़ती रहती है।
थोड़ा सा क्रॉनिकल करके करोड़ों का खर्चा बचा लिया
सबसे खास बात यह है कि यदि ट्रेन के पहियों को बिल्कुल सपाट रखा जाए। तब ट्रेन को किसी भी प्रकार से सीधे तो चलाया जा सकता है, लेकिन उसे टर्न नहीं किया जा सकता, क्योंकि दोनों पहियों के बीच कोई स्प्रिंग नहीं होती बल्कि एक मजबूत धातु की रॉड लगी होती है। ऐसी स्थिति में यदि ट्रेन को मोड़ने की कोशिश की गई तो दूसरा पहिया पटरी से नीचे उतर जाएगा। रेल के पहियों के क्रॉनिकल होने के कारण ही आपकी ट्रेन आसानी से मुड़ पाती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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