माता वैष्णो देवी तो पूरे भारत की आस्था केंद्र हैं। दशकों पूर्व मृत्यु का भय होने के बावजूद श्रृद्धालुओं की श्रृद्धा में कमी नहीं हुई। वर्तमान में सभी प्रकार की व्यवस्थाओं का संचालन SHRI MATA VAISHNO DEVI SHRINE BOARD द्वारा किया जाता है। प्रश्न यह है कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड में श्राइन का क्या अर्थ है। श्राइन शब्द को क्यों जोड़ा गया है। श्राइन एक हिंदी शब्द है या उर्दू। आइए पता लगाते हैं।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड क्या है
जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में त्रिकूट पर्वत पर जब से माता वैष्णो देवी का अनुसंधान हुआ तभी से उनके श्रद्धालुओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। आस्था इतनी अटूट है कि दुर्गम पहाड़ी रास्ते पर मृत्यु का भय होने के बावजूद तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि होती रही। आतंकवाद के बाद भी श्रद्धालुओं की संख्या में कमी नहीं आई। यात्रियों की संख्या बढ़ने से 80 के दशक में बड़ी संख्या में ठग सक्रिय हो गए थे। इसी समस्या का समाधान और यात्रियों की सुविधा के लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का गठन किया गया। राज्यपाल महोदय इसके चेयरमैन होते हैं। बोर्ड के 10 सदस्य और हजारों अधिकारी कर्मचारी व्यवस्थाओं का सुचारू संचालन करते हैं। कुल मिलाकर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड एक सरकारी नियंत्रण वाला संस्थान है।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड में श्राइन का क्या अर्थ है
नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन से रिटायर श्री नंदकिशोर शर्मा बताते हैं कि श्राइन ना तो हिंदी भाषा का शब्द है और ना ही उर्दू अथवा अरबी शब्द है। SHRINE तो एक इंग्लिश वर्ड है। SHRINE का अर्थ होता है पुण्य स्थल, तीर्थ स्थल, या फिर किसी देवी देवता का मंदिर। SHRI MATA VAISHNO DEVI SHRINE BOARD नाम में SHRINE से तात्पर्य 'पुण्य स्थल' है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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