ग्वालियर। भारत के संविधान की एक मूल प्रति ग्वालियर में रखी हुई है। महाराज बाड़ा स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी का हाल ही में रिनोवेशन किया गया है और इसी में भारत के संविधान की मूल प्रति रखी हुई है। इसमें कुल 231 पेज हैं और 308 सदस्यों के हस्ताक्षर हैं।
सेंट्रल लाइब्रेरी महाराज बाड़ा ग्वालियर में भारत के संविधान की मूल प्रति दिनांक 31 मार्च 1956 को लाई गई थी। इस पर बाजार मूल्य ₹120 लिखा हुआ है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर इसे मुख्य रूप से प्रदर्शित किया जाता है। भारत के संविधान पर कुल 308 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे जिनमें संविधान ड्राफ्ट कमेटी के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर, संविधान निर्माण समिति के अस्थायी अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा के साथ ही डॉ. राजेंद्र प्रसाद, पं. जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, कन्हैया लाल मुंशी, सी राजगोपालाचारी, सरोजनी नायडू, बिजयलक्ष्मी पंडित, दुर्गाबाई देशमुख आदि के नाम शामिल हैं।
भारत के संविधान से संबंधित रोचक बातें
भारत के संविधान की मूल प्रति सुनहरे पन्नों पर प्रकाशित की गई थी।
भारत के संविधान की मूल प्रति में 255 आर्टिकल्स को लिथोग्राफी में उतारा गया है।
मूल प्रति का डिजाइन शांति निकेतन के कलाकार राममनोहर सिन्हा और नंदलाल बोस ने तैयार किया था।
भारत के संविधान को तैयार करने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।
भारत के संविधान के निर्माण पर कुल 64 लाख रुपये का खर्च आया था।
भारतीय संविधान दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक देश का सबसे बड़ा संविधान है।
भारत का संविधान देहरादून की प्रेस में छापा गया था।
भारत के संविधान की 1000 प्रतियां प्रकाशित की गई थी।
संसद भवन में भारत के संविधान की 3 प्रतियां नाइट्रोजन गैस चैंबर में बंद करके रखी गई है ताकि हजारों साल तक सुरक्षित रहें। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.