ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच दतिया पुलिस की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं है। नाराजगी व्यक्त करते हुए उच्च न्यायालय ने डीजीपी से शपथ पत्र मांगा है। मामला न्यायालय से जारी समन एवं वारंट की तामील का है।
दतिया के सिविल लाइन थाने में दर्ज हत्या के मामले में नंदनी केवट को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह जेल में है। कोर्ट चाहता है कि निर्धारित समय के भीतर मामले में निर्णय हो जाए लेकिन पुलिस डिपार्टमेंट द्वारा गवाह प्रस्तुत नहीं किए जा रहे हैं। इसका फायदा उठाते हुए नंदिनी केवट ने जमानत का दावा प्रस्तुत कर दिया है। व्हाट इस बात से नाराज है कि गवाहों के नाम वारंट जारी करने के बावजूद पुलिस द्वारा उन्हें प्रस्तुत नहीं किया गया।
इसी मामले में हाईकोर्ट ने दतिया जिले के पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौर के तलब किया था। एसपी ने कहा कि हर महीने क्राइम मीटिंग होती है। इस मीटिंग में दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं। हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट से जारी समन व वारंट को तामील कराने के लिए सर्कुलर जारी किए गए हैं। इन्हें पुलिस तामील कराती है।
हाईकोर्ट ने सवाल किया कि जिला न्यायालय द्वारा जारी किए जाने वाले संबंध और वारंट की तमिल की जाती है या नहीं। गंभीर अपराधों से संबंधित वारंट की तामील के लिए पुलिस क्या प्रक्रिया अपना आती है। क्या उनका कोई रिकॉर्ड रखा जाता है। एसपी दतिया के जवाब से उच्च न्यायालय संतुष्ट नहीं हुआ। कोर्ट ने डीजीपी को शपथ पत्र पर जवाब देने के लिए कहा है। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.