ग्वालियर। चुनाव में देरी और हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना के मामले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह को तलब कर लिया है। बसंत प्रताप सिंह हाजिरी माफी का निवेदन किया था परंतु उसे अस्वीकार कर दिया गया। मामला मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में नरवर नगर पंचायत के चुनाव का है।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के समक्ष प्रस्तुत याचिका में बृजेश सिंह तोमर द्वारा बताया गया है कि सन 2018 में नगर पंचायत नरवर के चुनाव कराए जाने थे परंतु चुनाव नहीं कराए गए। उन्होंने जनहित याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने सन 2019 में आदेश दिया था कि 3 महीने के भीतर चुनाव कराए जाएं परंतु राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। हाईकोर्ट की टाइम लिमिट बीत जाने के बाद अवमानना याचिका दाखिल की गई। इसके बावजूद राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव नहीं करवाए।
तभी से अवमानना याचिका 2019 से लंबित है। अवमानना याचिका की स्थिति को देखते हुए कोर्ट ने 15 दिसंबर 2021 को मुख्य चुनाव आयुक्त बसंत प्रताप सिंह को तलब किया था, लेकिन आयुक्त उपस्थित नहीं हुए। उनकी ओर से हाजिरी माफी का आवेदन पेश किया था। कोर्ट ने उन्हें हाजिरी माफी नहीं दी। ज्ञात हो कि बृजेश सिंह तोमर ने 2020 में नई रिट पिटीशन दायर की है। इस याचिका में तर्क दिया गया है कि 2018 में चुनाव का जो गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था, उसके अनुसार चुनाव कराने थे, लेकिन 2020 मेंं चुनाव की नई अधिसूचना जारी कर दी, जिससे कोर्ट के आदेश की अवमानना हुई है। इस याचिका के साथ बृजेश सिंह तोमर की अवमानना याचिका भी कनेक्ट की गई है। बसंत प्रताप सिंह ने भी याचिका दायर की है। इस याचिका को भी इसके रिट पिटीशन के साथ सुना जा रहा है। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.