मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में पिछले 8 दिनों में ठंड के कारण 301 नागरिकों को शहर के 4 बड़े अस्पतालों में भर्ती किया गया और इनमें से 39 की मौत हो गई। यानी मृत्यु दर 10% से अधिक है। इन सभी को सीवियर कोल्ड के कारण या तो हार्टअटैक आया या फिर ब्रेन अटैक। सनद रहे कि यह केवल 4 बड़े अस्पतालों के आंकड़े हैं, पूरे ग्वालियर के नहीं।
ग्वालियर शहर के 4 बड़े अस्पताल- जयारोग्य चिकित्सालय के कार्डियोलॉजी और न्यूरोलॉजी विभाग, रतन ज्योति डालमिया हार्ट इंस्टीट्यूट, कल्याण मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल और बिड़ला अस्पताल में ब्रेन अटैक और हृदय रोग से संबंधित 301 मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती किया गया। इनमें से 39 की मौत हो गई। शहर में कोरोनावायरस की तीसरी लहर चल रही है परंतु सीवियर कोल्ड के कारण बीमार होने वाले नागरिकों की संख्या कोरोनावायरस से संक्रमित नागरिकों की संख्या से बहुत ज्यादा है।
नगर निगम का फोकस इवेंट्स पर, संवैधानिक दायित्व भूले
उल्लेखनीय है कि शीतलहर नागरिकों की रक्षा करना नगर निगम का संवैधानिक दायित्व है। पूरे शहर का तापमान सामान्य करने के लिए शहर के चौराहों पर अलाव जलाने का दशकों पुराना प्रावधान है। ग्वालियर में इस समय ऐतिहासिक ठंड पड़ रही है। नगर निगम की जिम्मेदारी है कि हर रात बड़ी संख्या में अलाव जलाए जाएं। आम जनता नगर निगम को ओवरब्रिज, पाक और चौपाटी बनाने के लिए टैक्स नहीं देती। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.