ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में ठंड ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले 1 सप्ताह में हार्ट अटैक के 127 मरीज अस्पतालों में भर्ती हुए और 17 लोगों की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मृत्यु हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में सुबह 9:00 बजे से पहले ठंडी हवा के सीधे संपर्क में आना, बेहद खतरनाक है। इसलिए जब तक तापमान सामान्य नहीं हो जाता घर से बाहर ना निकले।
ग्वालियर शहर में सबसे ज्यादा मरीज जयारोग्य चिकित्सालय के कॉर्डियोलॉजी विभाग, रतन ज्योति डालमिया हार्ट इंस्टीट्यूट, बीआईएमआर और कल्याण मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती किए गए हैं। कॉर्डियोलॉजी में तो बेड फुल हो चुके हैं और यहां फ्लोर पर मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। जयारोग्य चिकित्सालय के कॉर्डियोलॉजी विभाग में पिछले पांच दिन में 80, रतन ज्योति डालमिया हार्ट सेंटर में 15 बीआईएमआर में 35 और कल्याण मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 7 मरीज हृदय संबंधी समस्या को लेकर भर्ती हुए हैं।
सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक क्यों आता है, डॉक्टर प्रतीक भदौरिया ने बताया
जीआरएमसी के कॉर्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पुनीत रस्तोगी ने बताया कि जिनको ब्लडप्रेशर और डायबिटीज की बीमारी है उन लोगों को सुबह 4 से 9 बजे तक हार्ट अटैक का खतरा सबसे अधिक रहता है। प्राय: हृदय रोग के मरीज या बुजुर्ग सोते रह जाते हैं। इसे साइलेंट हृदयघात कहते हैं। वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रतीक भदौरिया ने बताया कि सर्दी के मौसम में फिब्रिनोजन नामक पदार्थ शरीर में बनने लगता है, जिसके कारण खून गाढ़ा होने लगता है और ब्लडप्रेशर बढ़ जाता है। जब ब्रेन में खून पहुंचने में रुकावट आती है तो हार्ट अटैक होता है।
ठंड में हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करें
वरिष्ठ हृदय रोगियों डॉ. आकाश मोदी ने बताया कि इस मौसम में गुनगुना पानी अधिक पीएं, तली चीजों के साथ बाजार की चीजें खाने से बचें। पिछले चार दिन से युवा भी हृदयाघात की शिकायत लेकर आ रहे हैं। इनसे पूछताछ में पता चला कि वह बाहर का खाना खा रहे थे। इस मौसमी फल का सेवन करें, चिकनाई का सेवन कम से करें। डायबिटीज के मरीज लिपिड प्रोफाइल और शुगर की जांच हर दो माह में कराएं। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.