ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद जो कुछ हुआ, पूरा मध्य प्रदेश इसी की उम्मीद करता है। कोरोनावायरस की तीसरी लहर के कारण स्टूडेंट्स परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने की मांग कर रहे थे परंतु यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट मानने को तैयार नहीं था। हालात तनावपूर्ण हो गए थे और राजनीति शुरू हो गई थी। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने एक तरफ परीक्षा की तारीख बढ़वाई तो दूसरी तरफ यूनिवर्सिटी कैंपस में राजनीति करने वालों को सबक भी सिखा दिया।
कोरोनावायरस की तीसरी लहर के बीच उच्च शिक्षा विभाग के आदेशानुसार जीवाजी यूनिवर्सिटी में परीक्षाएं शुरू हो रही थी। स्टूडेंट्स इसका विरोध कर रहे थे। स्टूडेंट्स का कहना था कि हमें ऑफलाइन परीक्षाओं से कोई आपत्ति नहीं है परंतु कोरोनावायरस की तीसरी लहर के तनाव के कारण पढ़ाई और परीक्षा पर फोकस संभव नहीं है। इसलिए परीक्षा की तारीख आगे बढ़ा दी जाए। यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट इसके लिए तैयार नहीं था।
प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स उग्र होते जा रहे थे। हमेशा की तरह यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने पुलिस बुला ली। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों को समझाने की कोशिश की परंतु बात नहीं बनी। इसी बीच कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह वहां पहुंच गए। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। नेतागिरी कर रहे एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। कलेक्टर ने छात्रों से उनकी परेशानी समझी। यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट से बात की और परीक्षा की तारीख आगे बढ़ा दी गई। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.