ग्वालियर। मध्य प्रदेश के शहर ग्वालियर में एक इलाके का नाम है थाटीपुर। कुछ लोग इसे ठाठीपुर भी कहते हैं। ग्वालियर चंबल संभाग में 'ठाठी' से तात्पर्य होता है 'धमकी'। इस आधार पर कुछ लोग मानते हैं कि इस इलाके में गुंडे बदमाश रहा करते थे जो राहगीरों को धमकी देकर लूट लिया करते थे। ब्लैकमेल करते थे। इसलिए इस इलाके का नाम ठाठीपुर रखा गया। जिसे बाद में बदलकर थाटीपुर कर दिया गया। आइए जानते हैं कि क्या यह मान्यता सही है या फिर इस इलाके के नामकरण की कुछ और ही कहानी है।
अंग्रेजों के दस्तावेज गवाह हैं, ग्वालियर के जिस इलाके को मुरार कहा जाता है उसका पूरा नाम मिलिट्री ऑफिसर्स रेजिडेंशियल एरिया रिजर्व्ड (M.O.R.A.R.) है। आजादी के बाद जब आम नागरिक यहां रहने लगे तब मोरार शब्द का लोप होकर मुरार हो गया। क्योंकि मोरार मिलिट्री अफसरों का आरक्षित रिहायशी इलाका था इसलिए उससे लगा हुआ दूसरा इलाका 'थर्टी फोर लांसर' बनाया गया।
'थर्टी फोर लांसर' इलाके में सेना के द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के लिए सरकारी आवास बनाए गए। यहां पर सेना का विशाल अस्तबल (जहां पर सेना के बहादुर घोड़े रहते हैं) भी बनाया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अन्य इलाकों की तरह है इलाका भी सरकार के अधीन हो गया। सेना के सरकारी आवास, मध्य प्रदेश शासन के शासकीय आवास बना दिए गए और 'थर्टी फोर लांसर' का नाम बदलकर थाटीपुर हो गया। कुल मिलाकर थाटीपुर नाम 'थर्टी फोर' से पैदा हुआ है। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.