इंदौर। आंकड़े चीख-चीख कर बोल रहे हैं कि इंदौर में मौजूद कोरोनावायरस की वेरिएंट काफी खतरनाक है और बहुत तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहे हैं। इंदौर शहर हॉटस्पॉट से बढ़कर CORONA एपिक सेंटर बन गया है। कलेक्टर मनीष सिंह तत्काल कड़े प्रतिबंध लगाना चाहते थे परंतु पॉलीटिकल प्रेशर के आगे उनकी एक नहीं चली। इंदौर क्राइसिस कमेटी की बैठक में संक्रमण की रोकथाम के लिए कोई महत्वपूर्ण निर्णय नहीं हुआ। सिर्फ संक्रमित नागरिकों के इलाज के लिए डिसीजन लिए गए।
इंदौर का एसएस कमेटी की बैठक में सिर्फ एक डिसीजन हुआ
कलेक्टर मनीष सिंह ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए मीटिंग से पहले ही बयान जारी कर दिया था लेकिन उनके बयान का कोई असर नहीं हुआ। रेजीडेंसी कोठी में इंदौर क्राइसिस कमेटी की बैठक के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि कोरोना से निपटने के लिए होम आइसोलेशन सिस्टम डेवलप किया जाएगा। इसके तहत कोरोना पेशेंट को मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाएगी। कंट्रोल रूम से उसकी मॉनिटरिंग की जाएगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टर उन्हें सलाह देंगे। इसके साथ ही कोविड से निपटने के तरीकों पर मांगे गए सुझावों पर चर्चा की गई।
इंदौर शहर में हाहाकार को कैसे रोके, सिर्फ इस पर फोकस
मध्य प्रदेश शासन के गृहमंत्री एवं इंदौर के प्रभारी मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा बता चुके हैं कि इंदौर में 50% मामले खतरनाक और जानलेवा डेल्टा वेरिएंट की आ रहे हैं इसके बावजूद क्राइसिस कमेटी की बैठक में कोई डिसीजन नहीं हुआ। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बैठक में निर्णय नहीं हुए हैं। इसमें प्रशासन की ओमिक्रॉन को लेकर तैयारियों की जानकारी ली है। प्रशासन से कहा गया है कि ऐसा न हो कि लोग अस्पताल भागने लगें और बेड कम पड़ जाएं, इसलिए होम आइसोलेशन, मेडिकल किट तैयार करके उनके घर तक पहुंचाना और उनकी मॉनिटरिंग करना, वीडियो से उन्हें सलाह देना ये सब बातों पर विचार किया जाए।
आपातकाल में तत्काल निर्णय के बजाय, प्रस्ताव की लंबी प्रक्रिया
इंदौर शहर में कोरोनावायरस का संक्रमण रोकने के लिए शादियों में मेहमानों की संख्या घटाने, स्कूल-कॉलेज और नाइट कर्फ्यू की समय सीमा के बारे में डिसीजन नहीं लिया गया। शादियों में 200 की संख्या, शवयात्रा में 50 और उठावना पर प्रतिबंध को लेकर सुझाव आए लेकिन कमेटी ने मंजूर नहीं किया। धरना, जुलूस, रैली, धार्मिक कार्यक्रम, भंडारा, सामाजिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध को लेकर भी चर्चा हुई, लेकिन निर्णय नहीं हुआ। आपातकाल की स्थिति में तत्काल फैसला लेने के बजाय प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजने के लिए कहा गया।
जनप्रतिनिधि गाइडलाइन के पक्ष में लेकिन फिर भी मामला टल गया
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने जोर दिया कि अगर विवाह समारोह में संख्या सीमित करनी है, तो यह निर्णय जल्दी होना चाहिए, नहीं तो लोग तैयारियां कर लेंगे। यह ठीक नहीं होगा। गौरव रणदिवे ने कहा कि उठावना कार्यक्रम में भीड़ को लेकर निर्णय लिया जाना चाहिए। बैठक में बताया गया कि शहर में बाहर के भी कई स्टूडेंट्स हैं। इन कोचिंग सेंटरों में भी ऑनलाइन व ऑफलाइन करने पर विचार किया जाना चाहिए। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जीनोम सिक्वेंसिंग जांच की रिपोर्ट जल्द से जल्द प्राप्त होना चाहिए। कोविड प्रोटोकॉल का प्रभावी पालन कराए जाने की आवश्यकता है। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि मलमास में लोग शादी की तैयारियों में जुटे हैं। अभी से उन्हें गाइड लाइन के बारे में बता देंगे, तो वे तैयारियां नहीं करेंगे। चलित उठावना कार्यक्रम हो या कुछ समय के लिए बंद हो, इस पर स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।