इंदौर। बिल्डर राजेश विश्वकर्मा के खिलाफ अपनी ही शिक्षक पत्नी के साथ दरिंदगी का मामला दर्ज होने के बाद इंदौर नगर निगम एवं पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में वह फार्म हाउस जमींदोज कर दिया गया, जहां पर महिला शिक्षक के साथ शर्मनाक घटनाएं हुई थी। प्रचारित किया गया कि तुरंत कार्यवाही करके अपराधियों के खिलाफ कड़ा संदेश दिया गया है लेकिन पीड़ित महिला के वकील का कहना है कि ऐसा करके पुलिस एवं प्रशासन ने आरोपी की मदद कर दी है।
पीड़िता के वकील विनय वी जोशी ने कहा कि प्रशासन ने आरोपी बिल्डर राजेश विश्वकर्मा का फार्म हाउस तोड़ने में जल्दबाजी की। पीड़िता के वकील ने माना कि फार्म हाउस में सर्चिंग कर और सबूत जुटाए जा सकते थे। अभी राजेश से और पूछताछ की जानी थी। प्रकरण चलने तक पुलिस और प्रशासन को फार्म हाउस में तोड़फोड़ नहीं करनी चाहिए थी। वहीं, उसे सिर्फ 8 घंटे थाने में रखकर जेल भेजने से संदेह गहरा गया है। बेमेतरा पुलिस ने भी राजेश के दोस्त विपिन को रिमांड पर नहीं मांगा है।
हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज श्री आर एस गर्ग ने कहा कि आरोपी की गिरफ्तारी के तत्काल बाद इस प्रकार से फार्म हाउस को नेस्तनाबूद करने से केस पर असर हो सकता है। जवाब में लसूडिया मांगलिया के एसडीएम रवीश श्रीवास्तव ने कहा कि हमने कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई की है। फार्म हाउस का निर्माण बिना अनुमति के किया गया था इसलिए उसे तोड़ दिया गया। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया indore news पर क्लिक करें.